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    रामगढ़ में आदिवासी परिवार के धर्मांतरण पर समाज के लोगों ने किया विरोध, इलाके में तनाव का माहौल

    Updated: Sun, 02 Nov 2025 03:28 AM (IST)

    रामगढ़ में एक आदिवासी परिवार के धर्मांतरण से समुदाय में आक्रोश है। धर्मांतरण के विरोध में प्रदर्शन हुए, जिससे इलाके में तनाव फैल गया। आदिवासी समाज ने धर्मांतरण कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। 

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    रामगढ़ के तिरला कल्याणपुर गांव में आदिवासी परिवार के मंतातरण का विरोध। फोटो जागरण

    संवाद सूत्र, गोला (रामगढ़)। गोला थाना क्षेत्र के तिरला कल्याणपुर गांव में एक आदिवासी परिवार ने ईसाई धर्म अपना लिया है। इससे गांव में तनाव बना हुआ है। बताया गया गांव के परमेश्वर मुंडा व पत्नी पोकली देवी व पुत्र राज मुंडा ने एक माह पहले ईसाई धर्म अपना लिया है।

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    इसकी जानकारी उनके परिवार के अन्य सदस्यों व ग्रामीणों को होने के बाद लोग आक्रोशित हो गए। ग्रामीणों के अनुसार परमेश्वर अपने परिवार के साथ तिरला गांव में रहकर मजदूरी का काम करता है। इस दौरान उनलोगों ने ईसाई धर्म अपना लिया।

    इसकी जानकारी तब हुई जब परमेश्वर अपने कुल देवता और सरना झंडा को नदी में प्रवाहित कर दिया। मामले को लेकर गांव में कई बार बैठक हो चुकी है। इसमें परमेश्वर व उनके परिवार को बुलाया गया।

    समाज के लोगों ने परमेश्वर व उसके परिवार से सरना धर्म में लौटने की अपील की। लेकिन परमेश्वर ने पंचों के समक्ष ईसाई धर्म में ही अपना जीवन व्यतीत करने की बात कही। मुखिया पति सचिन दांगी, पूर्व जिप सदस्य गोबिंद मुंडा, रामप्रसाद करमाली, सन्नी देवल महतो ने युवक को काफी समझाया।

    इनके बातों को सुनने के बाद वह चुपचाप हो गए। बताया गया कि परमेश्वर को इसाई धर्म में शामिल होने से रोग मुक्त जीवन कटने का बात सरला कलां निवासी राम कुमार महली के द्वारा बताया गया।

    इससे प्रभावित होकर वह इशाई धर्म अपना लिया। इस संबंध में पूर्व जिप सदस्य गोबिंद मुंडा ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार में समाज के लोगों को ध्यान देना चाहिए।

    उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्र में विशेष कानूनों के प्रावधानों के बावजूद जनजातियों को जबरन ईसाई- हिंदू- मुस्लिम में मतांतरण कराना असंवैधानिक है। इस पर प्रशासन को सख्त करवाई करना चाहिए।