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Jharkhand Election: दूसरे चरण के लिए क्या है कांग्रेस की तैयारी? चुनाव जीतने से अधिक पार्टी को इस बात की चिंता

Jharkhand Election झारखंड में कांग्रेस पार्टी के लिए दूसरे चरण के चुनाव में साख बचाना बड़ी चुनौती है। पार्टी 13 सीटों पर चुनाव लड़ रही है जिनमें से 9 सीटों पर पहले से कांग्रेस के विधायक हैं। दो मंत्रियों और दो पूर्व मंत्रियों की सीटें भी इस चरण में हैं। कांग्रेस को अपना प्रदर्शन दोहराना होगा तभी पार्टी की साख बचेगी।

By Ashish Jha Edited By: Mukul Kumar Updated: Sat, 16 Nov 2024 10:21 PM (IST)
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चुनाव जीतने से अधिक कांग्रेस को इस बात की चिंता
आशीष झा, रांची। झारखंड में दूसरे चरण के चुनाव में भले ही कांग्रेस महज 13 सीटों पर चुनाव लड़ रही हो, पार्टी के सामने साख बचाने की बड़ी चुनौती है। यह बात सीनियर लीडरशिप भी जान रही है सो वो भी लगातार निगरानी कर रही है।

जिन 13 सीटों पर चुनाव कांग्रेस लड़ रही है उनमें से आठ सीटों पर कांग्रेस के विधायक हैं और यह प्रदर्शन दोहराना पार्टी के लिए बड़ी चुनौती है। इसी चरण में कांग्रेस के दो मंत्रियों और इसी सरकार के दो पूर्व मंत्रियों के क्षेत्र में चुनाव होना है।

कांग्रेस के लिए यह जादुई आंकड़ा पाना बड़ी उपलब्धियों की श्रेणी में रही है। पिछले विधानसभा का परिणाम कांग्रेस के लिए उत्साहवर्द्धक रहा था।

इरफान अंसारी जामताड़ा से मैदान में

दूसरे चरण में निर्धारित सीटों पर कांग्रेस के लिए दो सीटें अधिक महत्वपूर्ण हैं। इन सीटों पर वर्तमान सरकार में मंत्री डॉ. इरफान अंसारी और दीपिका पांडेय सिंह की सीटें हैं। ग्रामीण विकास मंत्री इरफान अंसारी जामताड़ा से हैट्रिक लगाने के लिए मैदान में उतरे हैं तो कृषि मंत्री दीपिका पांडेय सिंह महागामा से दूसरी पारी की तैयारी में हैं।

इन दो सीटों के अलावा दो पूर्व मंत्रियों की सीटें भी कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण है। पार्टी के पूर्व मंत्री और विधायक दल के नेता रहे आलमगीर आलम के क्षेत्र पाकुड़ के परिणाम को लेकर सभी मंथन कर रहे हैं।

आलम के जेल जाने के बाद इस सीट से उनकी पत्नी भाग्य आजमा रही हैं। इसके अलावा पूर्व मंत्री बादल पत्रलेख भी जरमुंडी से तीसरी बार सदन पहुंचने के लिए प्रयासरत हैं। वे इसी सरकार में कृषि मंत्री रह चुके हैं।

इनके अलावा, पोड़ैयाहाट से प्रदीप यादव, खिजरी से राजेश कच्छप, बेरमो से अनूप सिंह, झरिया से पूर्णिमा नीरज सिंह, मांडू से जयप्रकाश भाई पटेल (लोकसभा चुनाव के पूर्व भाजपा से कांग्रेस में आए हैं) एक बार फिर मैदान में डटे हैं।

ममता देवी रामगढ़ से एक बार फिर भाग्य आजमा रही

इसके अलावा इसी विधानसभा में विधायक रहीं ममता देवी रामगढ़ से एक बार फिर भाग्य आजमा रही हैं। एक मामले में सजा मिलने के बाद उनकी विधायकी छिन गई थी।

कांग्रेस के लिए चुनौती यही है कि जिन 13 सीटों पर चुनाव लड़ रही है उनमें से नौ सीटों पर इसी विधानसभा में पार्टी के विधायक चुनकर आ चुके हैं।

इसके अलावा बाघमारा विधानसभा सीट से कांग्रेस एक हजार से भी कम वोटों से चुनाव हारी थी। यहां एक बार फिर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जलेश्वर महतो मुकाबले में खड़े हैं।

जलेश्वर महतो इस क्षेत्र से चुनाव जीतने के बाद मंत्री भी रह चुके हैं। इन तमाम सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद ही कांग्रेस की साख बचेगी अन्यथ पार्टी की भद पिटेगी। कांग्रेस के लिए यही बड़ी चुनौती है।

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