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Jharkhand Election 2024: मतदान के बाद क्यों खुश हो गई झामुमो? पार्टी ने खुद बताई वजह; वोटिंग पर दिया जवाब

Jharkhand News झारखंड में पहले चरण के मतदान के बाद झामुमो खुश है क्योंकि महिला मतदाताओं ने बड़ी संख्या में मतदान में भाग लिया। अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों पर महिलाओं का उत्साह विशेष रूप से उल्लेखनीय रहा। झामुमो का मानना है कि मंईयां सम्मान योजना और सर्वजन पेंशन योजना जैसी सरकारी योजनाओं ने मतदान में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने में मदद की।

By Neeraj Ambastha Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Fri, 15 Nov 2024 08:07 AM (IST)
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झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन (जागरण)
राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand Assembly Election 2024: झारखंड में पहले चरण के मतदान के बाद झामुमो खुश नजर आ रही है। झामुमो ने कहा है कि पहले चरण की 43 विधानसभा सीटों पर हुए मतदान में महिला मतदाताओं ने रुचि दिखाई है। खासकर अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों पर महिलाओं का उत्साह देखने लायक रहा है।

वहीं, आरक्षित सीटों के मुकाबले सामान्य सीटें ही मतदान में पीछे रहीं। इसके बावजूद सामान्य सीटों पर भी महिला मतदाताओं ने अधिक संख्या में मतदान किया है। पार्टी ने दावा किया है कि मंईयां सम्मान योजना और सर्वजन पेंशन योजना काफ़ी हद तक महिलाओं का मतदान में प्रतिशत बढ़ाने में सहायक रही।

वर्तमान सरकार की योजनों की वजह से इस बार मतदाताओं ने मतदान में रुचि दिखाई है। मंईयां सम्मान योजना, सर्वजन पेंशन योजना, किसान ऋण माफी, बिजली बिल बकाया माफ, मुफ्त बिजली जैसी योजना ने मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित किया है।

बोकारो में सबसे अधिक वोटर, लिट्टीपाड़ा में सबसे कम वोटर

विधानसभा चुनाव के दूसरे तथा अंतिम चरण में जिन 38 सीटों पर 20 नवंबर को मतदान होना है, उनमें बोकारो में सबसे अधिक वोटर हैं। वहीं, आरक्षित सीट लिट्टीपाड़ा में सबसे कम वोटर हैं। बोकारो में मतदाताओं की संख्या 5,84,275 है, जबकि लिट्टीपाड़ा में 2,17,847 वोटर ही हैं। हालांकि क्षेत्रफल के लिहाज से मांडू सबसे बड़ा (1,327.37 वर्ग किमी) तथा झरिया सबसे छोटा 70.51 वर्ग किमी) विधानसभा क्षेत्र है।

इस चरण में जिन विधानसभा सीटों पर मतदान होना है, उनमें पहले चरण से उलट सामान्य सीटें अधिक हैं। 38 विधानसभा सीटों में 27 सामान्य सीटें हैं, जबकि आठ एसटी तथा तीन एससी के लिए आरक्षित हैं। प्रत्याशियों की बात करें तो सबसे अधिक 28 प्रत्याशी धनवार में चुनाव लड़ रहे हैं।

बताते चलें कि इस सीट से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी भी चुनाव लड़ रहे हैं। देवघर विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम सात प्रत्याशी ही चुनाव लड़ रहे हैं।

ईवीएम, वीवीपैट स्ट्रांग रूम पहुंचाए गए

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के.रवि कुमार ने बताया कि झारखंड विधानसभा के पहले चरण की 43 सीटों पर संपन्न मतदान के बाद ईवीएम, वीवीपैट आदि स्ट्रांग रूम पहुंचा दिए गए हैं। उन्हें सील भी कर दिया गया है। अब ईवीएम और वीवीपैट मतगणना के दिन 23 नवंबर को प्रत्याशियों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में खोला जाएगा। उनके अनुसार, स्ट्रांग रूम की त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है।

सभी 15 जिले के स्ट्रांगरूम की सुरक्षा में एक-एक कंपनी अर्द्धसैनिक बल तैनात किए गए हैं। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने पहले चरण में शांतिपूर्ण मतदान संपन्न होने के लिए मतदाताओं का आभार जताते हुए कहा कि किसी भी बूथ पर पुनर्मतदान की आवश्यकता नहीं पड़ी है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में मतदान आशा के अनुरूप हुआ, लेकिन शहरी क्षेत्र में कम मतदान हुआ है।

अगले चरण के चुनाव को ध्यान में रखकर चुनाव आयोग शहरी क्षेत्र में मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर फोकस कर काम करेगा। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि हालांकि 2019 के विधानसभा चुनाव से इस बार तीन प्रतिशत अधिक मतदान हुआ है। सभी 43 सीटों पर 66.48 प्रतिशत मतदान हुआ है। इंड ऑफ पोल डेटा में आंशिक वृद्धि संभावित है। वहीं, पोस्टल बैलेट का पूरा डेटा आने के बाद भी मतदान प्रतिशत में आंशिक वृद्धि होगी।

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