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Ranchi News: रांची सहित राज्य के 21 फूड इंस्पेक्टर पर एक्शन, खतरे में पड़ी नौकरी; एक सप्ताह के अंदर देना होगा जवाब

झारखंड में फूड इंस्पेक्टरों की लापरवाही के कारण राज्य खाद्य सुरक्षा आयुक्त ने 21 फूड इंस्पेक्टर और एसीएमओ से स्पष्टीकरण मांगा है। उन पर वसूली मिलावट और भ्रष्टाचार के आरोप हैं। विभागीय कार्रवाई के लिए अनुशंसा की गई है। आयुक्त ने कहा कि अब लोगों के हित में सैंपल की जांच सही तरीके से की जाएगी और गलत पाए जाने वालों पर कठोर कार्रवाई होगी।

By Jagran News Edited By: Mukul Kumar Updated: Tue, 29 Oct 2024 10:09 AM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर
जागरण संवाददाता, रांची। त्योहार के मौसम में फूड इंस्पेक्टर द्वारा की जा रही लापरवाही को देखते हुए राज्य खाद्य सुरक्षा आयुक्त सह स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह के निर्देश पर रांची, जमशेदपुर, धनबाद सहित राज्य के 21 फूड इंस्पेक्टर व एसीएमओ से स्पष्टीकरण मांगा गया है।

सभी को एक सप्ताह में जवाब देने को कहा गया है। इनके खिलाफ कई वर्षों से विभाग को लगातार शिकायतें मिल रही थीं, जिसमें कई गंभीर आरोप भी हैं। उप खाद्य सुरक्षा आयुक्त सुमंत कुमार तिवारी ने बताया कि ये न तो सैंपल सही तरीके से जांच के लिए भेजते हैं और न ही इनकी रिपोर्ट कभी मिलती है।

उन्होंने बताया कि इन सभी ने पिछले छह वर्षों से विभाग का नाम बदनाम कर रखा है। हर जगहों से अपने एजेंट के माध्यम से वसूली करने की शिकायत मिलती रही है।

इन सभी पर विभागीय कार्रवाई के लिए अनुशंसा की गई है। हालांकि देवघर, गिरिडीह, चतरा, पलामू जिलों में हो रहे सैंपल कलेक्शन पर विभाग ने संतोष जताया है। 

डाटा ऑपरेटरों के माध्यम से होती है वसूली 

सुमंत तिवारी ने कहा कि शिकायतों के बाद भी ये फूड इंस्पेक्टर अपनी जिम्मेवारियों का निर्वाहन नहीं करते और अपने डाटा ऑपरेटरों से वसूली करवाते हैं। जबकि, इन्हें सैंपल जमाकर जांच की रिपोर्ट पर कार्रवाई करनी चाहिए, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।

फूड इंस्पेक्टर बड़ी दुकानों व स्टोरेज में जाकर सैंपल नहीं लेते, बल्कि छोटे-छोटे या कुछ होटलों में जाकर सैंपल जमा करते हैं, जिसकी जांच हमेशा सही पाई जाती है। इन सभी पर यह भी आरोप लगाया गया कि ये सैंपल लेने के लिए पैसे की भी मांग करते हैं। लेकिन इन्हें देखने वाला अभी तक कोई नहीं था।

सुमंत तिवारी ने बताया कि अब इस तरह के धंधे को बढ़ने नहीं दिया जाएगा और लोगों के हित के लिए सैंपल की जांच सही तरीके से की जाएगी और जो भी विक्रेता गलत पाए जाएंगे उन पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। 

रांची एसीएमओ की भूमिका संदिग्ध 

विभाग ने रांची एसीएमओ डा. खेतान की भूमिका पर भी संदेह जाहिर किया है। विभाग का कहना है कि डा. खेतान की ओर से कोई सक्रियता नहीं दिखाई देती, वे सिर्फ नाम के ही पद पर काबिज हैं, जबकि पूरे शहर में मिलावट का धंधा जोरों पर है।

खासकर त्योहार में कोई कार्रवाई होती ही नहीं है। इससे स्पष्ट है कि सभी भ्रष्टाचार में लिप्त प्रतीत हो रहे हैं। इनपर भी विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की गई है।

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