RIMS के सीनियर डाक्टर से 23 लाख की साइबर ठगी, महाराष्ट्र के नागपुर से दो गिरफ्तार, यहां जानिए कैसे फंसाया जाल में
सीआइडी की साइबर अपराध थाना पुलिस ने रिम्स के सेंट्रल लैब के एक सीनियर डाक्टर से 23 लाख रुपये की साइबर ठगी के मामले में महाराष्ट्र के नागपुर से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उनके पास से दो मोबाइल और चार सिम कार्ड बरामद किए। आरोपियों को रांची लाया गया और न्यायालय में पेश करने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

राज्य ब्यूरो, रांची। सीआइडी की साइबर अपराध थाना पुलिस ने रिम्स के सेंट्रल लैब के एक सीनियर डाक्टर से 23 लाख रुपये की साइबर ठगी के मामले में महाराष्ट्र के नागपुर से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार आरोपियों में जयंत ताराचंद्र अन्नापूणे और अजय रामभरोसे वाल्मिकी शामिल हैं। दोनों नागपुर के वाड़ी थाना क्षेत्र के अमरावती रोड, दवलामेटी में रहते थे।
पुलिस ने उनके पास से दो मोबाइल और चार सिम कार्ड बरामद किए। आरोपियों को रांची लाया गया और न्यायालय में पेश करने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
पीड़ित डाक्टर ने चार अगस्त को साइबर अपराध थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि फेसबुक, वाट्सएप और गूगल के जरिए फर्जी ट्रेडिंग फाइनेंस रिसर्च कंपनी एनजे फाइनेंशियल रिसर्च ने उनसे संपर्क किया। उन्हें निवेश पर पांच से दस गुना मुनाफे का लालच दिया गया।
इसके लिए एक फर्जी ऐप एचनैक डाउनलोड करवाकर 23 लाख रुपये जमा कराए गए, जिसे अपराधियों ने अवैध रूप से हस्तांतरित कर लिया। पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि एक आरोपी के एक्सिस बैंक खाते (नंबर 922020004679287) में 23 दिनों में 2.51 करोड़ रुपये जमा हुए।
नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल के जरिए जानकारी मिली कि इस खाते के खिलाफ नौ राज्यों में 12 मामले दर्ज हैं, जिनमें केरल, गुजरात, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, गोवा, उत्तराखंड, महाराष्ट्र और झारखंड शामिल हैं। नागपुर पुलिस के सहयोग से दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी हुई।
साइबर ठगी से बचाव की अपील
पुलिस ने लोगों से वाट्सएप, टेलीग्राम या गूगल विज्ञापनों के जरिए आने वाले निवेश आफर पर भरोसा न करने की अपील की है। फर्जी लिंक पर क्लिक करने, वेब पोर्टल या ऐप पर रजिस्टर करने और अज्ञात बैंक खातों या यूपीआई में पैसे जमा करने से बचें।
निवेश से पहले अधिकृत ऐप्स का उपयोग करें और पूरी जानकारी लें। ठगी होने पर तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 या वेबसाइट पर शिकायत दर्ज करें। लिखित शिकायत नजदीकी थाने, साइबर सेल या साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में करें।
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