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    माओवादियों के खिलाफ हजारीबाग में सफलता से जवानों के हौसले बुलंद, अब सारंडा में दिखेगा आपरेशन चूना पत्थर का असर

    Updated: Tue, 16 Sep 2025 07:21 PM (IST)

    हजारीबाग में सोमवार सुबह चले आपरेशन चूना पत्थर की सफलता ने झारखंड में माओवादियों के खिलाफ अभियान को नई ताकत दी है। मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने एक करोड़ के इनामी सहदेव सोरेन समेत तीन को मार गिराया। इसका असर अब पश्चिम सिंहभूम के सारंडा जंगल में चल रहे माओवादी विरोधी अभियान में भी दिखने की उम्मीद है।

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    अब सारंडा में भी दिखेगा माओवादियों के खिलाफ आपरेशन चूना पत्थर का असर।

    राज्य ब्यूरो, रांची। हजारीबाग में सोमवार सुबह चले आपरेशन चूना पत्थर की सफलता ने झारखंड में माओवादियों के खिलाफ अभियान को नई ताकत दी है।

    इस मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने एक करोड़ के इनामी सेंट्रल कमेटी सदस्य सहदेव सोरेन उर्फ प्रवेश, 25 लाख के इनामी रघुनाथ हेम्ब्रम उर्फ शिबू मांझी और 10 लाख के इनामी जोनल कमांडर बिरसेन गंझू उर्फ रामखेलावन को मार गिराया।

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    सारंडा में घिरे माओवादियों का मनोबल गिरा

    इस कार्रवाई से सुरक्षा बलों का हौसला बुलंद है और इसका असर अब पश्चिम सिंहभूम के सारंडा जंगल में चल रहे माओवादी विरोधी अभियान में भी दिखने की उम्मीद है। अधिकारियों का मानना है कि इस सफलता ने सारंडा में घिरे माओवादियों का मनोबल तोड़ा है।

    इस वर्ष झारखंड पुलिस, सीआरपीएफ, कोबरा और झारखंड जगुआर के संयुक्त अभियानों ने माओवादियों को भारी नुकसान पहुंचाया है।

    एक जनवरी से अब तक 29 माओवादी मुठभेड़ में मारे गए, जिनमें भाकपा माओवादियों के 21, टीएसपीसी के दो, झारखंड जन मुक्ति परिषद के पांच और पीएलएफआई का एक शामिल है।

    इसके अलावा, 20 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया और 16 को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। यह संयुक्त अभियान माओवादियों को अंतिम सांसें गिनने पर मजबूर कर रहा है।

    सारंडा में घिरे माओवादी

    सुरक्षा बलों ने दावा किया था कि कई बड़े माओवादी सारंडा जंगल में घिरे हैं, लेकिन कुछ बाहर निकलकर अन्य जिलों में मुठभेड़ में मारे गए।

    उदाहरण के लिए, एक करोड़ के इनामी प्रयाग मांझी उर्फ विवेक, सहदेव सोरेन, 25 लाख के इनामी रघुनाथ हेम्ब्रम, 10 लाख के इनामी बिरसेन गंझू और सैक सदस्य अरविंद यादव बोकारो व हजारीबाग में मारे गए।

    अन्य मारे गए माओवादियों में जोनल कमांडर साहेबराम मांझी, गंगाराम उर्फ पवन लंगड़ा, महेश मांझी उर्फ मोटा, रंजू मांझी, शांति देवी और मनोज टुडू शामिल हैं।

    माओवादी नेटवर्क को कमजोर किया

    इन सफलताओं ने माओवादी नेटवर्क को कमजोर किया है। सारंडा जंगल में माओवादियों के खिलाफ घेराबंदी और तेज हो गई है। राज्य में 53 वांटेड माओवादी हैं, जिनमें 42 भाकपा माओवादी हैं।

    इनमें एक-एक करोड़ के इनामी मिसिर बेसरा, असीम मंडल उर्फ आकाश और अनल उर्फ तूफान, 25-25 लाख के लालचंद्र हेम्ब्रम उर्फ अनमोल, अजय महतो उर्फ टाइगर, 15-15 लाख के मोछू, मदन महतो, संजय महतो और 10-10 लाख के मृत्युंजय उर्फ फरेश भुइया, मनोहर गंझू जैसे बड़े नाम हैं।

    हजारीबाग की सफलता ने माओवादियों पर दबाव बढ़ाया है। सुरक्षा बल अब सारंडा में और आक्रामक रणनीति अपना रहे हैं। यदि यह अभियान इसी तरह जारी रहा तो माओवादी गतिविधियां और कमजोर हो सकती हैं।