दिल्ली में H3N2 फ्लू ने दी दस्तक; हल्के में न लें सर्दी और जुकाम, बढ़ते मामलों के बीच ऐसे करें बचाव
दिल्ली में धूप और उमस के साथ इन्फ्लूएंजा ए वायरस के मामले भी बढ़ रहे हैं खासकर H3N2 फ्लू के मरीज। H3N2 इन्फ्लूएंजा ए वायरस का एक प्रकार है जो सीजनल फ्लू का कारण बनता है। इसके लक्षणों की पहचान कर समय रहते सही इलाज किया सकता है। आइए जानते हैं इसके कुछ सामान्य लक्षण।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। लगातार बारिश के बाद पिछले कुछ दिनों से राजधानी दिल्ली में तेज धूप ने लोगों को परेशान कर दिया है। धूप और उमस के अलावा इस दौरान राजधानी में इन्फ्लूएंजा ए वायरस के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। बीते कुछ समय से यहां इन्फ्लूएंजा ए वायरस के एक प्रकार, H3N2 फ्लू के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
ऐसे में इससे बचाव के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना तो जरूरी है ही, साथ ही इसके लक्षणोंं की पहचान भी जरूरी है। आइए इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे H3N2 फ्लू के कुछ सामान्य लक्षणों और इससे बचाव के तरीकों के बारे में-
H3N2 फ्लू क्या है?
H3N2 इन्फ्लूएंजा ए वायरस का एक प्रकार है, जो सीजनल फ्लू के प्रकोप के लिए जिम्मेदार माना जाता है। शुरुआत में यह वायरस कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है, लेकिन समय के साथ जब इसमें म्यूटेशन होने लगता है, तो इसे कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है।
ऐसे में इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या बोलने पर निकलने वाली बूंदों से यह वायरस दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल जाता है। साथ ही दूषित सतहों को छूने या संपर्क में आने से भी यह वायरस आपको संक्रमित कर सकता है।
H3N2 फ्लू के लक्षण
- तेज बुखार (आमतौर पर अचानक शुरू होने वाला)
- लगातार खांसी
- गले में खराश
- शरीर और मांसपेशियों में दर्द
- कमजोरी और थकान
- सिरदर्द
- बहती या बंद नाक
- कभी-कभी मतली या उल्टी (बच्चों में ज्यादातर)
कब नजर आते हैं लक्षण?
ये लक्षण आमतौर पर वायरस के संपर्क में आने के 1-4 दिन बाद विकसित होते हैं। हालांकि, ज्यादातर लोग बिना किसी जटिलता के ठीक हो जाते हैं, लेकिन कभी-कभी फ्लू निमोनिया जैसी गंभीर बीमारी का रूप ले सकता है, खासकर बुजुर्गों, छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं में।
इन बातों का रखें ध्यान
- हर साल फ्लू की वैक्सीन लगवाएं, खासकर ऐसी वैक्सीन जिसमें H3N2 वायरस से सुरक्षा भी शामिल हो।
- हाथों को साफ रखने के लिए साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोएं।
- संक्रमित लोगों से दूरी बनाएं रखे।
- खांसते और छींकते समय कोहनी या टिश्यू पेपर से मुंह जरूर कवर करें।
- भीड़भाड़ वाली जगह या बंद इलाकों में मास्क जरूर पहनें।
- नियमित रूप से छुई जाने वाली या संपर्क में आने वाली सतहों की सफाई और सैनिटाइजेशन करें।
यह भी पढ़ें- दिल्ली ZOO में H5N1 बर्ड फ्लू की जांच तेज, 1350 से अधिक जानवरों के लिए जाएंगे सैम्पल
यह भी पढ़ें- वायरल बुखार से लेकर डेंगू तक, बदलते मौसम ने बढ़ाई लोगों की परेशानी; डॉक्टर से जानें बचाव के उपाय
Disclaimer: लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो, तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।