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Ujjain Mahakal Sawari: भगवान महाकाल की पहली सवारी निकाली जाएगी आज, चांदी की पालकी में अपनी प्रजा को देंगे दर्शन

ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर से सावन मास में सोमवार को भगवान महाकाल की पहली सवारी निकाली जाएगी। अवंतिकानाथ चांदी की पालकी में मनमहेश रूप में सवार होकर भक्तों को दर्शन देने निकलेंगे। शाम 4 बजे शाही ठाठ-बाट के साथ महाकालेश्वर मंदिर से सवारी की शुरुआत होगी। पंचांग के अनुसार आज (22 जुलाई 2024) सोमवार के दिन सावन महीने की शुरुआत हो रही है।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Updated: Mon, 22 Jul 2024 07:17 AM (IST)
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बाबा महाकाल सावन महीने की प्रथम सवारी पर प्रजा का हाल जानने और नगर भ्रमण पर निकल रहे हैं।
जागरण न्यूज नेटवर्क, उज्जैन। अवंतिका नगरी के राजा बाबा महाकाल सावन महीने की प्रथम सवारी पर प्रजा का हाल जानने और नगर भ्रमण पर निकल रहे हैं। आज यानी सोमवार को बाबा महाकाल की यह सवारी भी धूमधाम से नगर में निकाली जाएगी। इस सवारी में बाबा महाकाल पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर के रूप में विराजित होकर अपनी प्रजा को दर्शन देंगे।

अवंतिकानाथ चांदी की पालकी में मनमहेश रूप में सवार होकर भक्तों को दर्शन देने निकलेंगे। शाम 4 बजे शाही ठाठ-बाट के साथ महाकालेश्वर मंदिर से सवारी की शुरुआत होगी। पंचांग के अनुसार, आज (22 जुलाई, 2024) सोमवार के दिन सावन महीने की शुरुआत हो रही है और इस दिन ही सावन महीने का पहला सोमवार व्रत भी रखा जाएगा। सावन महीने में विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल के मंदिर में भक्तों का जमावड़ा लगता है।

इस महीने में महाकाल बाबा की सवारियों का भक्त पूरे साल इंतजार करते हैं। इस वर्ष सावन-भादौ माह में भगवान महाकाल की कुल 7 शाही सवारियां निकाली जाएंगी। सावन महीने में 5 और भादौ माह में 2 सवारी निकलेगी।

भगवान महाकाल की सवारी की तारीख

  • पहली सवारी: 22 जुलाई 2024(सावन)
  • दूसरी सवारी :29 जुलाई 2024(सावन)
  • तीसरी सवारी : 05 अगस्त 2024(सावन)
  • चौथी सवारी: 12 अगस्त 2024(सावन)
  • पांचवी सवारी: 19 अगस्त 2024(सावन)
  • छठी सवारी: 26 अगस्त 2024(भादौ)
  • शाही सवारी : 02 सितंबर 2024(भादौ)

इन मार्गों से होकर गुजरेगी महाकाल बाबा की सवारी

महाकाल भगवान की सवारी श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभा मंडप में पूजा-अर्चना के बाद निर्धारित समय पर आंरभ होकर मंदिर के मुख्यद्वार पर पहुंचेगी। यह सवारी महाकाल लोक गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी से होते हुए रामघाट शिप्रा तट पहुंचेगी।

रामघाट शिप्रा तट पर सवारी का पूजन-अर्चन होने के बाद रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती समाज मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड,टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई श्री महाकालेश्वर मंदिर में वापस लौटेगी।

परंपरा अनुसार, दोपहर 3.30 बजे मंदिर के सभा मंडप में कलेक्टर नीरज कुमार सिंह व एसपी प्रदीप शर्मा भगवान महाकाल के मनमहेश रूप का पूजन कर पालकी को नगर भ्रमण के लिए रवाना करेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र बल की टुकड़ी राजाधिराज को सलामी देगी। इसके बाद कारवां शिप्रा तट की ओर रवाना होगा।

परंपरागत मार्गों से होकर सवारी मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंचेगी। यहां पुजारी शिप्रा जल से भगवान महाकाल का अभिषेक कर पूजा-अर्चना करेंगे। पूजन पश्चात सवारी निर्धारित मार्गों से होकर शाम 7.15 बजे महाकाल मंदिर पहुंचेगी। इसके बाद संध्या आरती होगी। सवारी में पहली बार दो एलईडी रथ शामिल किए जा रहे हैं।

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