Maharashtra Election Result: नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली में बंपर वोटिंग, रिकार्ड मतदान के क्या है मायने?
Maharashtra Election result 2024 नक्सल प्रभावित जिले गढ़चिरौली में हुआ रिकार्ड मतदान यहां हो रहे बदलाव की कहानी सुना रहा है। गढ़चिरौली में 73.68 प्रतिशत मतदान हुआ है। चुनाव से पहले यहां के कई गांवों में मतदान का बहिष्कार करने के पोस्टर चिपका दिए जाते थे और नक्सलियों के इस आदेश का पालन भी होता था लेकिन पिछले कुछ वर्षों में बदलाव की बयार बहनी शुरू हुई है।
ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में राज्य के नक्सल प्रभावित जिले गढ़चिरौली में हुआ रिकार्ड मतदान यहां हो रहे बदलाव की कहानी सुना रहा है। गढ़चिरौली में अब तक प्राप्त सूचना के अनुसार 73.68 प्रतिशत मतदान हुआ है।
बदलाव की बयार बहनी शुरू
बात ज्यादा पुरानी नहीं है, जब छत्तीसगढ़ से सटा गढ़चिरौली जिला माओवादी नक्सलवाद से बुरी तरह प्रभावित था। यहां चलती थी, तो बस पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) के चरमपंथियों की। चुनाव से पहले इस नक्सल प्रभावित क्षेत्र के गांवों में मतदान का बहिष्कार करने के पोस्टर चिपका दिए जाते थे और नक्सलियों के इस आदेश का पालन भी होता था, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र में बदलाव की बयार बहनी शुरू हुई है।
गढ़चिरौली को जोड़ती अच्छी सड़कें बनीं
महाराष्ट्र की उपराजधानी नागपुर से गढ़चिरौली को जोड़ती अच्छी सड़कें तो बन ही गई हैं, मुंबई से नागपुर को जोड़नेवाले समृद्धि महामार्ग को भी अब गढ़चिरौली तक ले जाने की घोषणा राज्य सरकार की ओर से कर दी गई है। यानी यह महामार्ग अब नक्सलवाद प्रभावित गढ़चिरौली की भी समृद्धि का साधन बनेगा। इसके अलावा गढ़चिरौली अब रेलमार्ग से भी जुड़ चुका है।उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस स्वयं इस जिले के प्रभारी मंत्री रहे हैं, और भाजपा सरकार रहने पर आगे भी यह पद अपने पास ही रखने का वायदा उन्होंने कर रखा है।
गढ़चिरौली के गांव को मिला लौह अयस्क का पट्टा
केंद्र और राज्य सरकार के सम्मिलित प्रयासों का ही फल है कि गढ़चिरौली जिले की जो एटापल्ली तहसील नक्सलवादी गतिविधियों का गढ़ मानी जाती थी, उसी तहसील के एक गांव सुरजागढ़ में लॉयड्स मेटल एंड एनर्जी लि. को 348 हेक्टेयर क्षेत्र में लौह अयस्क खनन का पट्टा दिया गया है।सुरजागढ़ की पहाड़ियों में स्थित वूरिया पहाड़ियां लौह अयस्क की अच्छी गुणवत्ता के लिए जानी जाती हैं। यह देश के प्रमुख लौह अयस्क भंडारों में से एक है, और अभी तक इसका दोहन नहीं किया गया है। लॉयड मेटल्स को यहां खनन का पट्टा मिलने के बाद से इस कंपनी ने 2021 से यहां अपनी खनन गतिविधियां शुरू कर दी हैं।
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