'कुछ लोग मंदिर जाते हैं, कुछ मस्जिद' बंटेंगे तो कटेंगे नारे पर नितिन गडकरी की विपक्ष को दो टूक
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस तरह से वे बोलते हैं कोई भी उन्हें गंभीरता से नहीं लेता। मुझे लगता है कि लोगों को उनकी टिप्पणियों को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की जनता 20 नवंबर को होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में भाजपा नीत महायुती गठबंधन पर भरोसा जताएगी।
पीटीआई, नागपुर। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को कहा कि किसी को भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए।
समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा,"राहुल गांधी जिस तरह से बोलते हैं, कोई भी उन्हें गंभीरता से नहीं लेता। मुझे लगता है कि लोगों को उनकी टिप्पणियों को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए।’’
राहुल गांधी ने की पीएम मोदी की स्मृति पर टिप्पणी
हाल ही में राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लेकर टिप्पणी की थी कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की तरह पीएम मोदी की भी स्मृति कमजोर है। राहुल गांधी के इस बयान को नितिन गडकरी ने गैरजिम्मेदाराना बताया है।महाराष्ट्र की जनता महायुति पर भरोसा जताएगी
जब नितिन गडकरी से महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन की चुनौतियों को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान महाविकास अघाड़ी दल ने बड़े पैमाने पर मतदाता (विपक्ष द्वारा) भ्रमित थे।उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की जनता 20 नवंबर को होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में भाजपा नीत महायुती गठबंधन पर भरोसा जताएगी।लोकसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद महायुति गठबंधन के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में पूछे जाने पर गडकरी ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान बड़े पैमाने पर मतदाता (विपक्ष द्वारा) भ्रमित थे।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्ष ने रची झूठी कहानी
उन्होंने कहा, "लोकसभा चुनाव के दौरान महाविकास अघाड़ी दल की ओर से यह कहानी गढ़ी गई कि अगर हम 400 से अधिक सीटें जीतेंगे तो हम डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा तैयार संविधान में संशोधन करेंगे।" गडकरी ने कहा, "संविधान बदलने का कोई सवाल ही नहीं है। न तो हम ऐसा करेंगे और न ही दूसरों को ऐसा करने देंगे।"गडकरी ने कहा, "अब लोगों को एहसास हो गया है कि लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्ष का अभियान झूठ पर आधारित था और उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में महाराष्ट्र में महायुति को सकारात्मकता के साथ समर्थन देने का फैसला किया है।"