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सच के साथी सीनियर्स: सतर्क रहकर बचा सकता है वित्तीय धोखाधड़ी से

सच के साथी-सीनियर्स अभियान के तहत 12 नवंबर को महाराष्ट्र के नासिक के लोगों के लिए वेबिनार का आयोजन किया गया। जागरण न्यू मीडिया की फैक्ट चेकिंग विंग विश्वास न्यूज के इस ऑनलाइन कार्यक्रम की शुरुआत डिप्टी एडिटर एवं फैक्ट चेकर पल्लवी मिश्रा ने की। कार्यक्रम के दौरान डिप्टी एडिटर एवं फैक्ट चेकर शरद प्रकाश अस्थाना ने फाइनेंशियल फ्रॉड के तरीकों और उनसे बचाव के बारे में जानकारी दी।

By Jagran News Edited By: Manish Negi Updated: Tue, 12 Nov 2024 10:09 PM (IST)
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सतर्क रहकर बचा सकता है वित्तीय धोखाधड़ी से
नासिक। मोबाइल के बढ़ते इस्तेमाल के साथ-साथ साइबर क्राइम के मामलों में भी बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ही भ्रामक व फर्जी पोस्ट भी शेयर की जा रही हैं। इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के मकसद से विश्वास न्यूज की तरफ से 'सच के साथी-सीनियर्स' अभियान के तहत 12 नवंबर को महाराष्ट्र के नासिक के लोगों के लिए वेबिनार का आयोजन किया गया।

जागरण न्यू मीडिया की फैक्ट चेकिंग विंग विश्वास न्यूज के इस ऑनलाइन कार्यक्रम की शुरुआत डिप्टी एडिटर एवं फैक्ट चेकर पल्लवी मिश्रा ने की। उन्होंने कहा कि डिजिटल मीडिया के इस दौर में सूचनाओं की बाढ़-सी आ गई है। इन्हें जांच-पड़ताल कर ही आगे फॉरवर्ड करना चाहिए। इसके लिए उन्होंने रोचक उदाहरणों के माध्यम से गूगल लेंस और गूगल कीवर्ड के बारे में जानकारी दी। पल्लवी ने गूगल लेंस का डेमो देते हुए बताया कि उसमें फोटो अपलोड करने से तस्वीर से संबंधित जानकारी सामने आ जाती है। उन्होंने इसी तरह गूगल कीवर्ड से सर्च करने का तरीका भी समझाया। इसके अलावा पल्लवी ने महाराष्ट्र में होने वाले चुनाव को देखते हुए लोगों से जागरूक मतदाता बनने की अपील भी की।

कार्यक्रम के दौरान डिप्टी एडिटर एवं फैक्ट चेकर शरद प्रकाश अस्थाना ने फाइनेंशियल फ्रॉड के तरीकों और उनसे बचाव के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि डिजिटल अरेस्ट के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि कोई भी सरकारी एजेंसी इस तरह से ऑनलाइन जांच नहीं करती है। ऐसा कोई भी मामला सामने आने पर 1930 पर कॉल करें या साइबर क्राइम डॉट जीओवी डॉट इन पर शिकायत करें। फ्री रिचार्ज का झांसा देकर साइबर अपराधी फिशिंग लिंक्स भेजते हैं। ऐसे संदिग्ध मैसेज के लिंक्स पर क्लिक नहीं करना चाहिए। इसके अलावा शरद ने एआई के फायदे और नुकसान बताते हुए डीपफेक वीडियो को पहचानने का तरीका भी बताया।

15 राज्यों में कार्यक्रम

झारखंड और महाराष्ट्र से पहले यह मीडिया साक्षरता कार्यक्रम राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार में भी आयोजित किया जा चुका है। विश्‍वास न्‍यूज अपने मीडिया लिटरेसी अभियान के तहत 15 राज्यों के 50 शहरों में वरिष्ठ और अन्य नागरिकों को फर्जी व भ्रामक पोस्ट को पहचानने के तरीकों के बारे में प्रशिक्षण दे रही है। गूगल न्यूज इनीशिएटिव की पहल पर MICA के सहयोग से विश्वास न्यूज के इस अभियान का उद्देश्य समाज को भ्रामक सूचनाओं से निपटने के लिए तैयार करने के साथ उन्हें फैक्ट चेक की बुनियादी जानकारी से रूबरू कराना है।

'सच के साथी-सीनियर्स' अभियान के बारे में

'सच के साथी-सीनियर्स' विश्वास न्यूज का जागरूकता के लिए प्रशिक्षण और मीडिया साक्षरता अभियान है। विश्वास न्यूज जागरण समूह की फैक्ट चेकिंग टीम है, जो अब तक करीब छह करोड़ से अधिक नागरिकों को जागरूकता अभियान से जोड़ चुकी है। विश्वास न्यूज टीम इंटरनेशनल फैक्ट चेकिंग नेटवर्क (आईएफसीएन) और गूगल न्यूज इनीशिएटिव के साथ फैक्ट चेकिंग और मीडिया लिटरेसी पर 2018 से काम कर रही है।

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