बीबीए, बीसीए और बीएमएस की छात्राओं के लिए एआईसीटीई ने लांच की छात्रवृत्ति योजना
वर्ष 2019-20 में इंजीनियरिंग स्नातक में महिलाओं का नामांकन 29 प्रतिशत था जो लगातार दो वर्षों में बढ़कर 31 प्रतिशत और 40 प्रतिशत हो गया है। प्रो. टी. जी. सीताराम ने कहा कि इंजीनियरिंग और प्रबंधन में महिलाओं को प्रोत्साहित और उनका समर्थन करना वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में बेहद सहायक होगा।
नई दिल्ली, 08 मार्च, 2024: अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने शुक्रवार को छात्राओं के लिए छात्रवृत्ति योजना लांच कर उन्हें तोहफा दिया है। परिषद ने एआईसीटीई अप्रूव्ड संस्थानों में पढ़ने वाली यूजी प्रबंधन/कंप्यूटर एप्लीकेशन (बीबीए/बीसीए/बीएमएस) छात्राओं के लिए एक नई छात्रवृत्ति योजना की घोषणा की है। इसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि की प्रत्येक पात्र मेधावी छात्रा को सालाना 25000 रुपये दिये जाएंगे। देश भर के एआईसीटीई अप्रूव्ड संस्थानों से कुल 3000 पात्र छात्राओं को यह छात्रवृत्ति दी जाएगी। इस योजना पर परिषद तीन साल तक सालाना 7.5 करोड़ रुपये खर्च करेगा। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रोफेसर टी.जी. सीताराम ने इस योजना की घोषणा की। इस दौरान शिक्षा राज्य मंत्री की निजी सचिव, रोहिणी भाजीभाकरे (आईएएस) बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहीं।
एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो. टी.जी. सीताराम ने कहा कि एआईसीटीई महिलाओं को सशक्त बनाने एवं तकनीकी और प्रबंधन शिक्षा में उनकी पूरी क्षमता को निखारने के लिए काम कर रहा है। इंजीनियरिंग की छात्राओं के लिए हमारे पास प्रगति योजना पहले से ही है। चूंकि बीबीए, बीसीए और बीएमएस पाठ्यक्रम इस वर्ष से ही एआईसीटीई के दायरे में आए हैं, इसलिए लैंगिक समानता को बढ़ावा देने, सस्ती शिक्षा देने और प्रबंधन शिक्षा में लड़कियों को सशक्त बनाने के लिए यह विशेष योजना शुरू की है। एआईसीटीई समावेशी वातावरण को बढ़ावा देता है जहां महिलाएं आगे बढ़ सकें और इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा सकें।
एआईसीटीई के अध्यक्ष ने कहा कि हाल के वर्षों में एआईसीटीई अप्रूव्ड संस्थानों में छात्राओं के नामांकन बढ़े हैं। वर्ष 2022-23 में 39 प्रतिशत छात्राओं ने एडमिशन लिया है जबकि वर्ष 2020-21 में यह 30 प्रतिशत और 2021-22 में यह 36 प्रतिशत था। इंजीनियरिंग डिप्लोमा और स्नातक पाठ्यक्रम में एडमिशन लेने वाली छात्राओं की संख्या भी बढ़ी है। वर्ष 2022-23 में 29 प्रतिशत महिलाओं ने इंजीनियरिंग डिप्लोमा और 44 प्रतिशत ने इंजीनियरिंग स्नातक पाठ्यक्रमों में एडमिशन लिया। वर्ष 2019-20 में इंजीनियरिंग स्नातक में महिलाओं का नामांकन 29 प्रतिशत था जो लगातार दो वर्षों में बढ़कर 31 प्रतिशत और 40 प्रतिशत हो गया है। प्रो. टी. जी. सीताराम ने कहा कि इंजीनियरिंग और प्रबंधन में महिलाओं को प्रोत्साहित और उनका समर्थन करना वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में सहायक होगा।
छात्राओं के लिए एआईसीटीई ने की हैं ये पहल:
1. एआईसीटीई प्रगति स्कॉलरशिप छात्राओं को तकनीकी शिक्षा के लिए प्रोत्साहन और सहायता प्रदान करती है। इसके तहत तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने के लिए मेधावी छात्राओं के बीच हर साल कुल 5,000 छात्रवृत्तियां बांटी जाती हैं।2. एआईसीटीई ने अमेजन के साथ करार किया है। अमेजन वाउ के तहत देश भर के इंजीनियरिंग कॉलेजों में पढ़ने वाली छात्राओं को प्रौद्योगिकी उद्योग में आगे बढ़ने के लिए आवश्यक कौशल के साथ सशक्त किया जाएगा।
3. एआईसीटीई के टेकसक्षम कार्यक्रम के तहत वर्ष 2021 तक 19,000 से अधिक स्टूडेंट को प्रशिक्षित किया गया है जिनमें से 14,000 छात्राएं हैं।4. एआईसीटीई ने वीमेन आंत्रप्रिन्योरशिप इन वेस्ट मैनेजमेंट प्रोग्राम शुरू किया है। इसका उद्देश्य छात्राओं को वेस्ट मैनेजमेंट उद्यमिता अपनाने के लिए प्रेरित करना है।यह भी पढ़ें: Scholarship: इन स्कॉलरशिप से UG/ PG/ PhD करने का सपना कर सकते हैं पूरा, ये पढ़ें पूरी डिटेल