Delhi Blast: अल-फलाह यूनिवर्सिटी से आया पहला रिएक्शन; शाहीन और मुजम्मिल पर किया चौंकाने वाला खुलासा
हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी लाल किले के पास हुए विस्फोट के बाद सुर्खियों में है। पुलिस ने यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों से पूछताछ की है, जिन पर आतंकी मॉड्यूल चलाने का आरोप है। यूनिवर्सिटी ने आरोपों का खंडन किया है। यूनिवर्सिटी 2014 में स्थापित हुई थी और इसमें विभिन्न विषयों में पाठ्यक्रम संचालित होते हैं। एमबीबीएस की फीस 74.50 लाख रुपये है। यूनिवर्सिटी इन घटनाओं से दुखी है और इसकी निंदा करती है।

अल-फलाह यूनिवर्सिटी और दिल्ली ब्लास्ट।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हरियाणा के फरीदाबाद में अल-फलाह यूनिवर्सिटी, पिछले कुछ समय से चौंकाने वाली घटनाओं के कारण सुर्खियों में है। यूनिवर्सिटी से जुड़े लोगों की लाल किला के पास हुए ब्लास्ट में संलिप्तता की जानकारी सामने आने का बाद से ही ये संस्थान चर्चा के केंद्र में है।
बीते कुछ दिनों में फरीदाबाद के धौज स्थित यूनिवर्सिटी कैंपस में पुलिस ने 50 से अधिक डॉक्टरों से पूछताछ की।
पुलिस डॉ. मुजम्मिल शकील, डॉ. शाहीन शाहिद और डॉ. उमर मोहम्मद के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं। ये संदिग्ध कथित तौर पर जैश-ए-मोहम्मद का एक आतंकी मॉड्यूल चला रहे थे, जिसने भारी मात्रा में विस्फोटक इकट्ठा किए थे और दिल्ली में एक बड़े हमले की योजना बना रहा था। इस मॉड्यूल का संबंध पुरानी दिल्ली कार विस्फोट से भी बताया गया है।
यूनिवर्सिटी ने आरोपों का खंडन किया
यूनिवर्सिटी ने भ्रामक खबरों पर चिंता व्यक्त की है और आरोपों का खंडन किया है। मैनेजमेंट ने कहा है कि संस्थान के साथ उनके पेशेवर संबंधों के अलावा, विश्वविद्यालय का संदिग्धों से कोई संबंध नहीं है। विश्वविद्यालय के बयान में यह भी कहा गया है कि विश्वविद्यालय परिसर में कोई संदिग्ध रसायन नहीं है, जो कुछ रिपोर्टों के विपरीत है।
अल-फलाह यूनिवर्सिटी
हरियाणा के फरीदाबाद में के धौज में 70 एकड़ में फैली अल-फलाह यूनिवर्सिटी की स्थापना 2014 में हुई थी और अगले ही साल हायर एजूकेशन रेगूलेटर, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा इसे मान्यता दी गई थी।
यह विश्वविद्यालय अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट के अंतर्गत आता है, जिसकी स्थापना 1995 में हुई थी और जिसने 1997 में एक इंजीनियरिंग कॉलेज शुरू किया था। विश्वविद्यालय में चिकित्सा विज्ञान, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी, मानविकी, कंप्यूटर विज्ञान और शिक्षा आदि विषयों में पाठ्यक्रम संचालित करने वाले स्कूल हैं।
MBBS के लिए 74 लाख फीस
अल-फलाह स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर 2019 से एमबीबीएस की डिग्री दे रहा है। इस मेडिकल कॉलेज से जुड़ा एक 650 बिस्तर वाला अस्पताल भी है। इसकी वेबसाइट के अनुसार, यह एमबीबीएस पाठ्यक्रम के लिए 200 छात्रों का नामांकन कर सकता है। विश्वविद्यालय पाठ्यक्रम के पहले चार सालों के लिए 16.37 लाख रुपये और अंतिम वर्ष के लिए 9 लाख रुपये शुल्क लेता है।
इस प्रकार पूरे पाठ्यक्रम के लिए कुल 74.50 लाख रुपये शुल्क होता है। हॉस्टल के लिए सालाना विश्वविद्यालय 3 लाख रुपये फीस लेता है। अल-फलाह यूनिवर्सिटी में कश्मीरी छात्रों की संख्या अच्छी-खासी है, जो कुछ अनुमानों के मुताबिक संख्या 40 प्रतिशत है।
सुर्खियों में अल-फलाह यूनिवर्सिटी
फरीदाबाद से विस्फोटकों की भारी बरामदगी के बाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी सुर्खियों में आ गई। कैंपस के बाहर अल-फलाह स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर से जुड़े डॉक्टर मुजम्मिल द्वारा किराए पर लिए गए कमरों में लगभग 2,900 किलोग्राम बम बनाने की सामग्री, जिसके अमोनियम नाइट्रेट पाई गई।
मेडिकल कॉलेज की एक अन्य डॉक्टर, डॉ. शाहीन को उनकी कार में असॉल्ट राइफलें और अन्य हथियार मिलने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। इस खबर के सामने आने के कुछ ही घंटों बाद, लाल किले के पास एक कार में विस्फोट हो गया। खबरों के अनुसार, कार चला रहा व्यक्ति डॉ. उमर था, जो अल-फलाह में ही काम करता है।
अल-फलाह यूनिवर्सिटी की प्रतिक्रिया
अल-फलाह यूनिवर्सिटी की कुलपति, प्रोफेसर डॉ. भूपिंदर कौर आनंद ने कहा है कि संस्थान घटित दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं से बेहद दुखी और व्यथित है और इसकी निंदा करता है। विश्वविद्यालय प्रबंधन ने कहा, हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं इन दुखद घटनाओं से प्रभावित सभी निर्दोष लोगों के साथ हैं।
उन्होंने कहा कि हमें यह भी पता चला है कि हमारे दो डॉक्टरों को जांच एजेंसियों ने हिरासत में लिया है। हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि विश्वविद्यालय का इन व्यक्तियों से कोई संबंध नहीं है, सिवाय इसके कि वे विश्वविद्यालय में आधिकारिक पदों पर कार्यरत हैं।

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