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कर्नाटक कांग्रेस में अंदरूनी सियासी तूफान बढ़ने की आशंका, अब शक्ति प्रदर्शन की तैयारी; भाजपा ने भी खोला मोर्चा

कर्नाटक कांग्रेस में सबकुछ सही नहीं है। भाजपा के अलावा अब अपने ही मुख्यमंत्री सिद्दरमैया को घेरने में जुटे हैं। इस बीच सीएम सिद्दरमैया ने 12 अगस्त को बड़ी रैली कर शक्ति प्रदर्शन की तैयारी कर ली है। उधर भाजपा ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रहा है। भाजपा के इस अभियान पर सीएम सिद्दरमैया के विरोधियों की निगाहें टिकीं हैं।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Fri, 05 Jul 2024 08:01 PM (IST)
डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार और सीएम सिद्दरमैया। (फाइल फोटो)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कर्नाटक में पिछले वर्ष हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन करते हुए जीत दर्ज की। तब वरिष्ठ नेता सिद्दरमैया और प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार के बीच मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर सामने आई खींचतान को बेशक हाईकमान ने दबाते हुए सिद्दरमैया को सीएम और शिवकुमार डिप्टी सीएम बना दिया, लेकिन उन छिपी दरारों से असंतोष लावा का रह-रहकर बाहर आ रहा है। अभी सरकार बने एक वर्ष ही हुआ है कि अंदरूनी तूफान तेज होने लगा है।

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भाजपा ने खोला मोर्चा

एक तरफ जहां लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन को कमजोर बताकर प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार को घेरने की कोशिश हो रही है और इसी क्रम में तीन अन्य उपमुख्यमंत्री बनाने की बात हुई। वहीं शिवकुमार खेमा मुख्यमंत्री पर लगाए जा रहे आरोपों को लेकर चुप्पी साधे हुए है। जबकि भाजपा ने अभियान तेज कर दिया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र मुख्यमंत्री के आवास तक का घेराव करने लगे हैं।

अहिंदा के बीच सिद्धरमैया की पकड़

यह किसी से नहीं छिपा है कि राज्य में बड़ी जीत के बावजूद मुख्यमंत्री तय करने में कांग्रेस को नाकों चने चबाना पड़ा था। सिद्धरमैया इसलिए भारी पड़े थे क्योंकि उनकी छवि भी अच्छी थी और अहिंदा (अल्पसंख्यक, पिछड़ा वर्ग और वंचित) के बीच उनकी पकड़ ज्यादा मानी जाती है।

नहीं थमा दबाव की राजनीति का सिलसिला

माना जाता है कि सहमति यह बनी थी कि ढाई वर्ष तक सिद्दरमैया सीएम रहेंगे और उसके बाद अगले ढाई वर्ष के लिए सीएम की कुर्सी डिप्टी सीएम बनाए गए शिवकुमार को सौंप दी जाएगी। मगर, इसके बावजूद दोनों ओर से दबाव की राजनीति का सिलसिला पूरी तरह कभी थमा ही नहीं।

भूमि आवंटन के मामले ने पकड़ा तूल

भ्रष्टाचार के कुछ मामलों को लेकर भाजपा ने अभियान तेज कर दिया है और निशाने पर सीधे सिद्धरमैया हैं तो कांग्रेस के अंदर की हलचलें भी तेज हो सकती हैं। मुख्यमंत्री सिद्दरमैया की पत्नी के नाम से मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा भूमि आवंटन का मामला तूल पकड़ चुका है। मुख्यमंत्री भले ही इस आवंटन को भाजपा कार्यकाल के दौरान हुई वैध प्रक्रिया बता रहे हैं, लेकिन भाजपा ने कांग्रेस सरकार की घेरेबंदी शुरू कर दी है।

सीबीआई जांच की मांग

आरोप है कि मुख्यमंत्री इस घोटाले के आरोपित अधिकारियों को भी बचाने का प्रयास कर रहे हैं। पिछले दिनों भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीवाई विजयेंद्र और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आर. अशोक के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने और मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया।

भाजपा पर टिकीं सिद्धरमैया के विरोधियों की निगाहें

पार्टी अब इस आंदोलन को राज्य भर में लगातार करने का मन बना चुकी है। सूत्रों का मानना है कि कांग्रेस के अंदर सिद्धरमैया के विरोधियों की भी नजर भाजपा के अभियान पर है। इसी बीच बताया जाता है कि सिद्धरमैया खेमा शक्ति प्रदर्शन की तैयारी में है। सिद्धरमैया के 75वें जन्मदिन पर 12 अगस्त को बड़ी रैली की तैयारी है जिसमे अहिंदा का समर्थन दिखाया जाएगा। जाहिर तौर पर यह रैली भाजपा से ज्यादा अपने ही लोगों को दिखाने के लिए होगी।

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