Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अपोलो अस्पताल ने सिर्फ 9% गरीबों का किया इलाज, दिल्ली सरकार ने SC को बताया

    Updated: Wed, 12 Nov 2025 08:30 PM (IST)

    दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल ने पिछले पांच सालों में लीज समझौते का उल्लंघन करते हुए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के मरीजों का कम इलाज किया। अस्पताल को 40% ओपीडी और 33% आईपीडी मरीजों का इलाज करना था, लेकिन उसने केवल 9-10% ओपीडी और 7-9% आईपीडी मरीजों का इलाज किया। सरकार ने यह भी कहा कि गरीबों का इलाज पूरी तरह से मुफ्त नहीं किया जा रहा है।

    Hero Image

    अपोलो ने कम ईडब्ल्यूएस रोगियों का इलाज किया

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल ने पिछले पांच वर्षों में अपने लीज समझौते का उल्लंघन करते हुए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के केवल 9-10 प्रतिशत बाह्य रोगियों (ओपीडी) और 7-9 प्रतिशत आंतरिक रोगियों (आइपीडी) का ही इलाज किया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जोयमाल्या बागची की पीठ ने दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सेवा निदेशालय की महानिदेशक वत्सला अग्रवाल की ओर से दायर हलफनामे को रिकार्ड पर लिया। इसमें दिल्ली सरकार ने कहा, ''अस्पताल ईडब्ल्यूएस के 40 प्रतिशत बाह्य रोगियों और 33 प्रतिशत आंतरिक रोगियों की देखभाल करने के लिए बाध्य था।

    अपोलो ने कम ईडब्ल्यूएस रोगियों का इलाज किया

    लेकिन जांच के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में कुल रोगियों में से केवल 9-10 प्रतिशत ओपीडी में और 7-9 प्रतिशत आइपीडी में देखे गए।'' सरकार ने कहा कि कि इन गरीब मरीजों का इलाज भी पूरी तरह से मुफ्त नहीं किया जा रहा है।

    दिल्ली सरकार ने SC को बताया सच

    सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई दिसंबर के दूसरे सप्ताह में निर्धारित की और इंद्रप्रस्थ मेडिकल कारपोरेशन लिमिटेड (आइएमसीएल) की ओर से संचालित अपोलो अस्पताल से जवाब दाखिल करने को कहा। शीर्ष अदालत आइएमसीएल की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें दिल्ली हाई कोर्ट के 22 सितंबर, 2009 के आदेश को चुनौती दी गई थी।

    मुफ्त इलाज में भी अनियमितता पाई गई

    आदेश में कहा गया था कि अस्पताल प्रशासन ने दंड मुक्ति के साथ गरीब रोगियों को मुफ्त उपचार प्रदान करने संबंधी लीज समझौते की शर्तों का उल्लंघन किया है। हाई कोर्ट ने ने अखिल भारतीय अधिवक्ता संघ (दिल्ली इकाई) की याचिका पर यह आदेश पारित किया था।

    (न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)