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भारत के युद्धक विमानों में हवा में ईंधन भरेगा ऑस्ट्रेलिया, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारतीय सेना को होगा फायदा

भारत और ऑस्ट्रेलिया ने फैसला किया है कि दोनों देश एक दूसरे के युद्धक विमानों में उड़ान के दौरान ही ईंधन भर सकेंगे। इससे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारतीय सेना की पहुंच बढ़ जाएगी। साथ ही दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ करने का यह अहम कदम साबित होगा। पढ़ें क्या है पूरा मामला और भारत को कैसे होगा इससे फायदा।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Thu, 21 Nov 2024 10:05 PM (IST)
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यह सुविधा मिलने से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारतीय सेना की पहुंच बढ़ जाएगी। (File Image)
पीटीआई, नई दिल्ली। भारत और ऑस्ट्रेलिया ने युद्धक विमानों में हवा से हवा में ही रिफ्यूलिंग करने की व्यवस्था का मन बना लिया है। इससे दोनों देश अपने युद्धक विमानों में उड़ान के दौरान ही ईंधन भर सकेंगे। ऑस्ट्रेलिया से यह सुविधा मिलने से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारतीय सेना की पहुंच बढ़ जाएगी।

यह फैसला भारत की रक्षा रणनीति की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष पैट कानरे ने आसियान से इतर द्विपक्षीय बैठक के बाद घोषणा करते हुए कहा कि रायल ऑस्ट्रेलियन एयरफोर्स (आरएएएफ) की हवा से हवा में युद्धक विमानों की रिफ्यूलिंग की व्यवस्था की जाएगी।

हवा में कर सकेंगे रिफ्यूलिंग

ऑस्ट्रेलियाई वायुसेना के केसी 30ए मल्टीरोल टैंकर ट्रांसपोर्ट प्लेन भारत के सैन्य विमानों की रिफ्यूलिंग हवा में ही कर सकेंगे। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि हवा में ईंधन भरने की व्यवस्था का आदान-प्रदान दोनों देश कर सकेंगे। दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ करने का यह अहम कदम साबित होगा।

दोनों पक्ष क्षेत्रीय संदर्भों के साथ ही द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को भी अगले स्तर पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ऑस्ट्रेलिया सरकार के अनुसार यह व्यवस्था विगत 19 नवंबर को नई दिल्ली में ऑस्ट्रेलिया और भारत के एयर स्टाफ के बीच हुई बातचीत के बाद पुष्ट हो गई है।

'मजबूत होंगे भारत और ऑस्ट्रेलिया के रक्षा संबंध'

इस व्यवस्था का स्वागत करते हुए रायल ऑस्ट्रेलियन एयरफोर्स (आरएएएफ) के उप वायुसेना प्रमुख व वाइस मार्शल हार्वे रोनाल्ड्स ने बताया कि इससे भारत और ऑस्ट्रेलिया के रक्षा संबंध और मजबूत होंगे। आरएएएफ ने भारतीय नौसेना के पी-81 नेप्ट्यून निगरानी विमान के साथ प्रशिक्षण और निगरानी गतिविधियां में भी हिस्सा लिया है।