Exit Poll: बिहार में फिर एनडीए सरकार का अनुमान, पिछले दो विधानसभा चुनावों कितने सटीक रहे एग्जिट पोल?
बिहार विधानसभा चुनावों में एग्जिट पोल की सटीकता संदिग्ध रही है। 2015 में अधिकांश एग्जिट पोल भाजपा गठबंधन की जीत बता रहे थे, जबकि महागठबंधन विजयी हुआ। 2020 में भी ऐसा ही हुआ, जहाँ अनुमान वास्तविक नतीजों से अलग थे। इसलिए, बिहार में एग्जिट पोल पर पूरी तरह से भरोसा नहीं किया जा सकता, और वास्तविक परिणामों का इंतजार करना बेहतर है।

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जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली : बिहार में मंगलवार को दूसरे और अंतिम चरण का मतदान होने के साथ ही विभिन्न एजेंसियों के एक्जिट पोल के अनुमानों में राजग को पूर्ण बहुमत के साथ एक बार फिर सत्ता में वापसी करते हुए दर्शाया गया है। इन एक्जिट पोल में दिखाया गया है कि 243 सदस्यीय विधानसभा में राजग 140 से 150 सीटें जीत सकता है।
देखा जाए तो एक्जिट पोल को अक्सर अंतिम नतीजों का सूचक माना जाता है लेकिन जहां तक बिहार की बात है तो पिछले दो चुनावों यानी 2020 और 2015 में इनका आकलन सटीक नहीं रहा है। वैसे भी बिहार में जातिगत फैक्टर, कानून-व्यवस्था और विकास ऐसे मुद्दे हैं जाकि काफी हद तक चुनाव को प्रभावित करते हैं और ऐसी सूरत में एक्जिट पोल करने वाली एजेंसियों के लिए सटीक अनुमान लगाना बड़ा मुश्किल हो जाता है।
पिछले विधानसभा चुनाव (2020) में करीब 11 एक्जिट पोल में महागठबंधन को विजेता के रूप में पेश किया गया था और उसे लगभग 125 सीटें हासिल करते हुए दिखाया गया था। दूसरी ओर, राजग को लगभग 108 सीटें जीतते हुए दिखाया गया था यानी बहुमत से दर्जनभर से ज्यादा कम सीटें। हालांकि जब नतीजे आए तो भाजपा-जदयू वाला गठबंधन राजग 125 सीटें जीतकर सत्ता बरकरार रखने में कामयाब रहा। राजद और कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन को 110 सीटें ही मिल पाईं।
इस तरह एक्जिट पोल का आकलन सहीं नहीं रहा। इसी तरह यदि उससे पिछले यानी 2015 के विधानसभा चुनाव के एक्जिट पोल की बात करें तो 2015 में छह प्रमुख एजेंसियों ने अपने एक्जिट पोल में कड़ी टक्कर का अनुमान लगाते हुए राजद-जदयू महागठबंधन को बढ़त मिलती दिखाई थी। गठबंधन को 123 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया जबकि भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन के 114 सीटों तक सीमित रहने की उम्मीद थी।
तीन एक्जिट पोल ने राजद-जदूय महागठबंधन की स्पष्ट जीत की भविष्यवाणी की थी तो दो ने राजग के सत्ता में आने की बात कही थी। हालांकि, जब नतीजे आए तो राजद-जदयू महागठबंधन ने दो-तिहाई बहुमत के साथ सरकार बनाई। यह गठबंधन 178 सीटें जीतने में कामयाब रहा जबकि राजग को सिर्फ 58 सीटें मिली थीं। हालांकि दो साल बाद ही 2017 में जदयू ने महागठबंधन से नाता तोड़कर भाजपा के साथ सरकार बना ली थी।

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