'बेअंत हत्याकांड के दोषी की दया याचिका संवेदनशील मामला', केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिया जवाब
पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह की हत्या के आरोप में जेल में बंद बलवंत सिंह राजोआणा की दया याचिका पर केंद्र सरकार ने कहा है कि यह एक संवेदनशील मामला है। कोर्ट उस याचिका पर सुनवाई कर रही है जिसमें उसकी दया याचिका पर निर्णय में अत्यधिक देरी के कारण उसकी मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदलने का निर्देश दिए जाने की मांग की गई है।
पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्र ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि 1995 में हुई पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में मौत की सजा का सामना कर रहे बलवंत सिंह राजोआणा की दया याचिका से संबंधित मामला संवेदनशील है।
गौरतलब है कि जस्टिस बीआर गवई की अगुवाई वाली तीन सदस्यी पीठ राजोआणा की उस याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें उसकी दया याचिका पर निर्णय में अत्यधिक देरी के कारण उसकी मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदलने का निर्देश दिए जाने की मांग की गई है।
एजेंसियों से परामर्श करना होगा: केंद्र
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा, 'यह संवेदनशील मामला है। कुछ एजेंसियों से परामर्श करना होगा।' अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) केएम नटराज ने कहा कि सरकार इस मामले की समीक्षा कर रही है। उन्होंने कहा कि चूंकि यह संवेदनशील मामला है, इसलिए इसमें कुछ और जानकारी एकत्र करने की आवश्यकता है।कोर्ट चार सप्ताह बाद फिर करेगा सुनवाई
पीठ ने कहा कि वह चार सप्ताह बाद याचिका पर सुनवाई करेगी। शीर्ष कोर्ट ने 18 नवंबर को याचिका पर सुनवाई करते हुए अपने उस आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसके तहत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के सचिव को निर्देश दिया गया था कि वह राजोआणा की दया याचिका को राष्ट्रपति के समक्ष रखें। पीठ ने 18 नवंबर की सुबह यह आदेश दिया था, लेकिन सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से आग्रह किया था कि इस आदेश पर अमल नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि यह बेहद संवेदनशील मुद्दा है।