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    Delhi Blast: डिजिटल मॉनिटरिंग तेज, हर पोस्ट-कमेंट और CCTV फुटेज पर पुलिस की नजर; पूरी तरह चौकन्ना 'स्पेशल टीम'

    Updated: Fri, 14 Nov 2025 06:07 PM (IST)

    दिल्ली पुलिस ने लाल किला के पास हुए धमाके के बाद शहर में डिजिटल निगरानी बढ़ा दी है। सोशल मीडिया और CCTV फुटेज की गहन जांच की जा रही है ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि या सुराग को अनदेखा न किया जाए। पुलिस टीमें सोशल मीडिया पोस्ट और टिप्पणियों पर नजर रख रही हैं, और फील्ड टीमें हर सूचना की जांच कर रही हैं। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या यह धमाका किसी बड़ी साजिश का हिस्सा था।

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    डिजिटल मॉनिटरिंग तेज हर पोस्ट-कमेंट और CCTV फुटेज पर पुलिस की नजर (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लाल किला के पास हुए कार धमाके में 10 लोगों की मौत होने के बाद दिल्ली पुलिस ने शहर में डिजिटल और जमीनी स्तर पर निगरानी काफी बढ़ा दी है। पुलिस अब सोशल मीडिया से लेकर CCTV कैमरों तक हर सुराग को ध्यान से खंगाल रही है, ताकि किसी भी छोटी-बड़ी जानकारी को नजरअंदाज न किया जाए।

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    पुलिस सूत्रों के अनुसार, कई विशेष टीमें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोगों की पोस्ट, वीडियो, कमेट और चर्चाओं को लगातार स्कैन कर रही है। इन टीमों का काम यह देखना है कि कहीं कोई भड़काऊ या संदिग्ध गतिविधि तो नहीं चल रही या धमाके से जुड़ा कोई सुराग तो सामने नहीं आ रहा।

    संदिग्ध गतिविधियों पर नजर

    एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सोशल मीडिया से मिलने वाली हर सूचना तुरंत फील्ड टीमों को भेजी जाएगी, ताकि उसकी जांच की जा सके। पुलिस का कहना है कि जो भी संदिग्ध ऑनलाइन गतिविधि दिखेगी, उसे तुरंत चिन्हित किया जाएगा।

    शहर के सभी जिलों को CCTV फुटेज की गहराई से जां करने का आदेश दिया गया है। बाजारों, बस-मार्गों, मेट्रो रूट, बॉर्डर इलाकों और अहम जगहों पर लगे कैमरों के वीडियो दोबारा देखे जा रहे हैं। सभी थानों को सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध हरकत को तुरंत कंट्रोल रूम को बताने का निर्देश दिए गए हैं।

    किस साजिश का हिस्सा था दिल्ली धमाका?

    पुलिस ने यह भी कहा कि सोशल मीडिया मॉनिटरिंग और CCTV जांच दोनों एक साथ चल रही है ताकि कोई भी सुराग छूट न जाए। साथ ही गश्त और पिकेट चेकिंग भी बढ़ा दी गई है।

    जांच एजेंसियां यह भी देख रही हैं कि क्या यह धमाका चार अलग-अलग शहरों में होने वाली किसी बड़ी समन्वित हमले की योजना का हिस्सा था। एजेंसियों का मानना है कि 'व्हाइट-कॉलर' इंटरस्टेट मॉड्यूल साजिश में शामिल हो सकता है।

    कहां से जुटाए 26 लाख रुपये?

    पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी डॉ. उमर नबी की अंतिम गतिविधियों को जोड़ने के लिए 50 से ज्यादा CCTV कैमरों की फुटेज का इस्तेमाल किया गया। डॉ. उमर नबी पर आरोप है कि वह अपने दो साथियों डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई और डॉ. शाहीना शाहीद के साथ मिलकर एन्क्रिप्टेड ऐप इस्तेमाल कर रहा था। तीनों ने कथित तौर पर 26 लाख रुपये नकद इकट्ठा किए और 26 क्विंटल NPK खाद खरीदी, जिसका उपयोग IED बनाने के लिए किया गया।

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