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    कैबिनेट फैसलों की जानकारी हिंदी में और आतंकी घटना के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रस्ताव अंग्रेजी में क्यों? ऑपरेशन सिंदूर से है खास कनेक्शन

    Updated: Wed, 12 Nov 2025 11:30 PM (IST)

    प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में दिल्ली बम धमाके की निंदा की गई और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति दोहराई गई। मृतकों को श्रद्धांजलि दी गई। कैबिनेट ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रस्ताव पारित किया, जिसमें फंडिंग करने वालों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है। जांच एजेंसियों से जल्द रिपोर्ट मांगी गई है और घायलों को प्रधानमंत्री ने दोषियों को सजा दिलाने का आश्वासन दिया।

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    अश्विनी वैष्णव। (पीआईबी)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में दिल्ली बम धमाके के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। साथ ही आतंकवाद और आतंकियों के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेस नीति को दोहराया गया।

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    कैबिनेट बैठक में इससे निपटने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाने का संकल्प भी दोहराया गया। इस दौरान हादसे में मारे गए लोगों के दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि भी दी गई है।

    यह भी खास रहा कि जहां कैबिनेट में लिए गए फैसलों की जानकारी हिंदी में दी गई वहीं आतंकी घटना में शामिल लोगों, षड़यंत्रकारियों और उन्हें फंडिंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रस्ताव अंग्रेजी में पढ़ा गया। उन देशों को भी धन्यवाद दिया गया जिन्होंने भारत के साथ एकजुटता दिखाई गई है। इसमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन समेत कई देश हैं।

    प्रधानमंत्री ने एक दिन पहले ही भूटान की धरती से षड़यंत्रकारियों और दोषियों को संदेश दिया था कि वह बख्शे नहीं जाएंगे। उन्होंने ने भी अंग्रेजी में यह संदेश दिया था जो जाहिर तौर पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को संदेश था। ऑपरेशन सिंदूर से पहले भी उन्होंने अंग्रेजी में ही संदेश दिया था। कई देशों की ओर से जिस तरह समर्थन जताया गया है वह भारत के लिए उत्साहवर्धक है। इसबीच आतंकियों के तार कई देशों से जुड़ते दिख रहे हैं।

    खासतौर से फंडिंग सीमा पार से होने की आशंका है। ऐसे में कैबिनेट बैठक के प्रस्ताव में फंडिंग करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की बात की गई है तो सबकी नजरें रहेंगी। कैबिनेट ने जांच एजेंसियों से अपेक्षा की है कि वह जल्द से जल्द रिपोर्ट दें ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।

    ध्यान रहे कि इस मामले की जांच की जिम्मेदारी एनआइए को देने के बाद इडी भी फंडिंग की जांच की तैयारी में है। बुधवार को भूटान से वापसी के बाद पीएम मोदी घायलों से मिलने अस्पताल गए तो वहां भी उन्हें आश्वासन दिया कि दोषी बचेंगे नहीं।