रिटायर होने के बाद जजों को राजनीति में जाना चाहिए या नहीं? पूर्व CJI चंद्रचूड़ ने दिया जवाब
पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) ने कहा कि हर जजों को तय करना होता है कि रिटायरमेंट के बाद उनके द्वारा लिए गए फैसले उन लोगों पर असर डालेगा या नहीं जो न्यायाधीश के रूप में उनके द्वारा किए गए काम का मूल्यांकन करते हैं। उन्होंने कहा कि वो ऐसा कोई काम नहीं करना चाहते जिससे उनके काम या न्यायपालिका की साख पर सवाल खड़े करे।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में अक्सर इस मुद्दे पर चर्चा होती है कि क्या पूर्व जजों को राजनीति में शामिल होना चाहिए या नहीं? हाल ही में यह सवाल पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) से भी पूछा गया। इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि हमारा समाज रिटायर न्यायाधीशों को भी न्याय प्रणाली के संरक्षक के रूप में देखता है उनकी लाइफ स्टाइल समाज के कानूनी सिस्टम के मुताबिक होनी चाहिए।
एनडीटी के संविधान @75 कॉन्क्ले बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि हर जजों को तय करना होता है कि रिटायरमेंट के बाद उनके द्वारा लिए गए फैसले उन लोगों पर असर डालेगा या नहीं, जो न्यायाधीश के रूप में उनके द्वारा किए गए काम का मूल्यांकन करते हैं।
'न्यायाधीश भी आम नागरिक हैं'
डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि 65 साल की उम्र में वो ऐसा कोई काम नहीं करना चाहते जिससे उनके काम या न्यायपालिका की साख पर सवाल खड़े करे। हालांकि, उनका उद्देश्य राजनीति में प्रवेश करने वाले पूर्व जजों पर आरोप लगाना नहीं है।
उन्होंने कहा कि न्यायाधीश भी आम नागरिक हैं और उन्हें भी अन्य नागरिकों के समान अधिकार प्राप्त हैं, लेकिन समाज उनसे उच्च आचरण की अपेक्षा करता है।