Donald Trump: ताकतवर राष्ट्राध्यक्षों से ट्रंप कितने दूर-कितने पास, दुनियाभर में चल रहे टकरावों पर कैसे बैठाएंगे समीकरण
ट्रंप की विश्व के बड़े देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ कैसे समीकरण-केमिस्ट्री है। ट्रंप के फिर से सत्ता में आने पर रूस अंदरखाने खुश है। उसे आशा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध अब खत्म हो जाएगा। ये बात अलग है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने ट्रंप को जीत की अभी तक बधाई नहीं दी है। दुनिया के कई देश आपस में युद्धों में उलझे हुए हैं।
जेएनएन, नई दिल्ली। रिपब्लिकन पार्टी के नेता डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव जीत लिया है। वह दूसरी बार इस पद पर विराजमान हुए हैं। ऐसी सूरत में जबकि दुनिया के कई देश आपस में युद्धों में उलझे हुए हैं या टकराव चल रहा है तो यह देखने वाली बात होगी कि अब व्हाइट हाउस के ताकतवर देशों के नेताओं के साथ कैसे रिश्ते होंगे। क्या पड़ेगा संबंधों पर असर। ट्रंप की विश्व के बड़े देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ कैसे समीकरण-केमिस्ट्री है। आइए डालते हैं नजर ...
ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन
ट्रंप के फिर से सत्ता में आने पर रूस अंदरखाने खुश है। उसे आशा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध अब खत्म हो जाएगा। ये बात अलग है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने ट्रंप को जीत की अभी तक बधाई नहीं दी है। क्रेमलिन के प्रवक्ता ने एक सवाल के जवाब में कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हम एक ऐसे अमित्र देश के बारे में बात कर रहे हैं जो हमारे देश के खिलाफ युद्ध में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शामिल है। यह रूस का सधा हुआ शुरुआती रुख लगता है। वैसे ऐसा लगता है कि ट्रंप के मन में पुतिन के लिए प्रशंसा भाव है।
उन्होंने वादा भी किया था कि अगर वे सत्ता में आते हैं तो वे एक दिन में यूक्रेन युद्ध को समाप्त कर देंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि वे यूक्रेन को रूस को कुछ क्षेत्र देने के लिए मजबूर करके ऐसा करने की मंशा रखते हैं। वैसे भी यूक्रेन के काफी हिस्से पर रूस कब्जा कर चुका है। जब फरवरी 2022 में यूक्रेन में रूस की कार्रवाई शुरू हुई तो ट्रंप ने पुतिन को समझदार और प्रतिभाशाली बताया था। पूर्व में ट्रंप और पुतिन के बीच कई बार बातचीत भी हो चुकी है।
ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग पुतिन की तरह ही चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की ट्रंप व्यक्तिगत रूप से प्रशंसा कर चुके हैं मगर उनकी नीति में यह दिखाई नहीं देता। उधर, बीजिंग के योजनाकार ट्रंप के दूसरे कार्यकाल को एक चुनौती और अवसर दोनों के रूप में देख सकते हैं।पोलिटिको की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में ट्रंप ने शी को स्मार्ट, शानदार और हर चीज में परफेक्ट बताया था। इस साल की शुरुआत में उन्होंने कहा था कि शी के साथ उनका अच्छा तालमेल है। वे चाहते हैं कि चीन बढि़या करे। मेरे पूर्व के कार्यकाल के दौरान वे मेरे बहुत अच्छे दोस्त थे। 2020 में जब वे राष्ट्रपति थे तो ट्रंप ने दावोस में कहा था कि चीन के साथ हमारे संबंध अब शायद पहले से कहीं बेहतर हैं।
हालांकि, कोविड-19 महामारी के बीच, ट्रंप ने बार-बार कोरोना वायरस को चीनी वायरस कहा और इसके प्रसार के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया था। वैसे नीतिगत बात करें तो ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिकी प्रशासन ने चीन को एक खतरे और रणनीतिक प्रतिद्वंद्वी के रूप में पेश किया। उनसे पहले किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति ने बी¨जग को स्पष्ट रूप से रणनीतिक खतरे के रूप में पेश नहीं किया था। इस बार भी उन्होंने चीनी आयात पर शुल्क बढ़ाने का वादा किया है।