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कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों पर नजर रख रहा भारत, पेट्रोलियम मंत्री ने जताया यह भरोसा

पश्चिमी एशिया में बढ़ते तनाव के चलते वैश्विक तेल की कीमतों में आए उछाल पर भारत नजर रख रहा है। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने यहां एक्सानमोबिल ग्लोबल आउटलुक 2024 में कहा हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। यदि पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ता है तो ऊर्जा की उपलब्धता प्रभावित हो सकती है। हम पहले की तरह ही किसी भी स्थिति से निपटने में सक्षम होंगे।

By Agency Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Mon, 07 Oct 2024 11:30 PM (IST)
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कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों पर नजर रख रहा भारत (फाइल फोटो)

पीटीआई, नई दिल्ली: पश्चिमी एशिया में बढ़ते तनाव के चलते वैश्विक तेल की कीमतों में आए उछाल पर भारत नजर रख रहा है। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने यहां एक्सानमोबिल ग्लोबल आउटलुक 2024 में कहा, हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। यदि पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ता है तो ऊर्जा की उपलब्धता प्रभावित हो सकती है। हालांकि मुझे विश्वास है कि हम पहले की तरह ही किसी भी स्थिति से निपटने में सक्षम होंगे।

ईरानी मिसाइल हमले के बाद यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इजरायल ईरान में तेल या परमाणु प्रतिष्ठानों को निशाना बना सकता है। जवाब में तेहरान या तो इजरायल पर सीधा हमला करेगा या होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करके तेल आपूर्ति को बाधित कर सकता है। इससे तेल की कीमतें बढ़ सकती है।

कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें हुई 78 डालर प्रति बैरल

ओमान और ईरान के बीच स्थित होर्मुज जलडमरूमध्य फारस की खाड़ी को ओमान की खाड़ी और अरब सागर से जोड़ता है। वैश्विक तेल का पांचवां हिस्सा इस जलडमरूमध्य से होकर गुजरता है। सभी प्रमुख तेल उत्पादक देश (सऊदी अरब, इराक, कुवैत और यूएई) इसके माध्यम से तेल का निर्यात करते हैं। केवल सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के पास ऐसी पाइपलाइनें हैं जो होर्मुज जलडमरूमध्य को पार कर सकती हैं। एक सप्ताह में कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें 70 डालर प्रति बैरल से बढ़कर 78 डालर प्रति बैरल हो गई हैं। 

 पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि देश बढ़ती ऊर्जा मांगों को पूरा करने के लिए तैयार है। वैश्विक बाजार में तेल की उपलब्धता पर पुरी ने कहा कि भारत पहले 27 आपूर्तिकर्ताओं से तेल खरीदता था, लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 39 हो गई है। तेल बाजार में संभावित व्यवधान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि तत्काल इस तरह का कोई जोखिम दिखाई नहीं देता है। तेल की वैश्विक आपूर्ति वर्तमान में खपत से अधिक है, जिससे बाजार में स्थिरता है। यदि कुछ पक्ष उपलब्धता पर रोक लगाते हैं तो बाजार में नए आपूर्तिकर्ता भी हैं। अल्पावधि में मुझे दुनिया में तेल की कोई कमी नहीं दिखती।