भारत ने इंडोनेशिया में G20 शेरपा की तीसरी बैठक में लिया हिस्सा, अमिताभ कांत ने की भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व
भारत ने इंडोनेशिया के योग्यकार्ता (Yogyakarta) में आयोजित G20 प्रेसीडेंसी की तीसरी शेरपा बैठक (Sherpa Meeting) में हिस्सा लिया। यह बैठक 26 से 29 सितंबर के बीच हुई थी। इस दौरान भारत के G20 शेरपा अमिताभ कांत ने भारतीय अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।
By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Fri, 30 Sep 2022 05:22 PM (IST)
नई दिल्ली, एएनआइ। भारत ने इंडोनेशिया के योग्यकार्ता (Yogyakarta) में आयोजित G20 प्रेसीडेंसी की तीसरी शेरपा बैठक (Sherpa Meeting) में हिस्सा लिया। यह बैठक 26 से 29 सितंबर के बीच हुई थी। इस दौरान भारत के G20 शेरपा अमिताभ कांत ने भारतीय अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी। इससे पहले इंडोनेशियाई प्रेसीडेंसी (Indonesian Presidency) के तहत पहली शेरपा की बैठक दिसंबर 2021 में और दूसरी जुलाई 2022 में हुई थी।
बाली शिखर सम्मेलन पर दिया बल
अमिताभ कांत ने विचार-विमर्श के दौरान नवंबर 2022 में होने वाली G20 की बाली शिखर सम्मेलन के अंतिम रूप देने और इंडोनेशियाई प्रेसीडेंसी के प्रयासों के लिए भारत की प्रतिबद्धता और सक्रिय समर्थन का भरोसा दिया। विदेश मंत्रालय ने अपने एक विज्ञप्ति में बताया कि शेरपा अमिताभ कांत ने वैश्विक ध्यान केंद्रित करने के लिए G20 की आवश्यकता पर भी जोर दिया।भारत ने जी20 की आवश्यकताओं पर दिया जोर
एमईए द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक उन्होंने सतत विकास (sustainable growth), एसडीजी पर त्वरित प्रगति, पर्यावरण के लिए जीवन शैली (एलआईएफई) सहित जलवायु परिवर्तन को संबोधित करने, तकनीक-सक्षम विकास और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा, बहुपक्षीय सुधार और महिला सशक्तिकरण के प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और प्रयासों पर वैश्विक ध्यान केंद्रित करने के लिए G20 की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
अन्य देशों के शेरपा से की वार्ता
G20 शेरपा बैठक से अलग अमिताभ कांत ने ब्राजील, फ्रांस, जर्मनी, जापान, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण कोरिया, स्पेन, ब्रिटेन और यूएसए के अपने शेरपा समकक्षों के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी की। उन्होंने जी20 के संदर्भ में मौजूदा भू-राजनीतिक स्थिति (Geopolitical Situation) पर चर्चा के दौरान पीएम मोदी के 16 सितंबर के हालिया बयान पर ध्यान केंद्रित किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि आज का युग युद्ध का नहीं है। कूटनीति (Diplomacy) और संवाद (Dialogue) ऐसी चीजें हैं जो दुनिया को छूती हैं।