VIDEO: '...समय आने पर पता चल जाएगा', राज्यसभा के सदस्य के रूप में शपथ लेने के बाद जब बोलीं सुधा मूर्ति
मूर्ति ट्रस्ट की चेयरमैन सुधा मूर्ति ने गुरुवार को कहा कि अभी पहले दिन ही मैं स्कूल गई हूं। मैं अन्य सवालों का जवाब कैसे दे सकती हूं। मुझे समझने और पढ़ने का समय दीजिए। समय आने पर आपको पता चल जाएगा... दरअसल पत्रकार सुधा मूर्ति से राज्यसभा में उनके द्वारा भविष्य में पूछे जाने वाले सवालों को लेकर सवाल पूछ रहे थे।
एजेंसी, नई दिल्ली। इंजीनियर से समाजसेवी बनीं सुधा मूर्ति ने गुरुवार को राज्यसभा के सदस्य के रूप में शपथ ली। इसके बाद उन्होंने खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि मैं न्यूट्रल और खुश हूं।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, समाजसेवी सुधा मूर्ति ने कहा कि मुझे समझने और पढ़ने दीजिए, समय आने पर पता चल जाएगा...। यह पूछे जाने पर कि राज्यसभा सदस्यता उनके लिए चुनौती है या उपलब्धि? इस पर उन्होंने कहा कि मैं न्यूट्रल और खुश हूं। उन्होंने कहा,
अभी पहले दिन ही मैं स्कूल गई हूं। मैं अन्य सवालों का जवाब कैसे दे सकती हूं। मुझे समझने और पढ़ने का समय दीजिए। समय आने पर आपको पता चल जाएगा...
#WATCH | Delhi: On being asked about the topics that are going to be raised by her in Rajya Sabha, Philanthropist & Chairperson of The Murty Trust Sudha Murty says, "Let me understand and study, when the time comes, you will come to know..."
On being asked about Rajya Sabha… pic.twitter.com/7zRpL8c2mf
सुधा मूर्ति ने ली शपथ
सुधा मूर्ति ने अपने पति एनआर नारायण मूर्ति की मौजूदगी में राज्यसभा के सदस्य के रूप में शपथ ली। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने संसद भवन स्थित अपने कक्ष में उन्हें शपथ दिलाई। इस अवसर पर सदन के नेता पीयूष गोयल भी उपस्थित रहे।
इन्फोसिस फाउंडेशन की पूर्व अध्यक्ष और बच्चों के लिए कई किताबें लिख चुकीं सुधा मूर्ति को पिछले शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया था। कन्नड़ और अंग्रेजी साहित्य में योगदान के लिए प्रख्यात सुधा मूर्ति को साहित्य अकादमी बाल साहित्य पुरस्कार, पद्मश्री (2006) और पद्मभूषण (2023) जैसे पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
कौन हैं सुधा मूर्ति?
सुधा मूर्ति व्यावसायिक वाहन बनाने वाली कंपनी टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी लिमिटेड (टेल्को) के साथ काम करने वाली पहली महिला इंजीनियर थीं। इन्फोसिस शुरू करने के लिए उन्होंने अपने पति को अपनी आपातकालीन निधि से दस हजार रुपये दिए थे, जिसका अब बाजार पूंजीकरण 80 अरब डॉलर से अधिक है। उनकी बेटी अक्षता की शादी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से हुई है।