नीचे रेल लाइन, ऊपर 6 लेन का फ्लाईओवर... मोदी कैबिनेट की काशी को सौगात, अहम प्रोजेक्ट को मंजूरी
मोदी कैबिनेट की बैठक में बुधवार को कई अहम फैसले लिए गए। कैबिनेट में काशी को सौगात मिली है। वाराणसी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन मल्टी ट्रैकिंग प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल गई है। साथ ही गंगा नदी पर रेल-रोड ब्रिज भी बनाया जाएगा। ये ब्रिज देश के सबसे बड़े पुलों में से एक होगा। रेल लाइन के ऊपर 6 लेन का फ्लाईओवर बनाया जाएगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट ने वाराणसी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन मल्टी ट्रैकिंग प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है, जिसमें गंगा नदी पर एक महत्वपूर्ण रेल-रोड ब्रिज भी शामिल है। यह ब्रिज परिवहन क्षमता के लिहाज से देश के सबसे बड़े पुलों में से एक होगा और इसकी सबसे बड़ी विशेषता रेल लाइन के ऊपर छह लेन के फ्लाईओवर का निर्माण है।
मोदी कैबिनेट ने लिया फैसला
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि इस पूरे प्रोजेक्ट पर 2642 करोड़ रुपये खर्च होंगे। प्रोजेक्ट के तहत वाराणसी और दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन के बीच तीसरी और चौथी लाइन का निर्माण भी किया जाएगा।
यह मल्टी ट्रैकिंग प्रोजेक्ट भीड़भाड़ कम करने के साथ ही परिवहन को नई धार देगा। रेलवे के पूरे नेटवर्क में सबसे व्यस्त स्टेशनों के बीच इस तरह के इन्फ्रा विकास की लंबे समय से जरूरत महसूस की जा रही थी। ये प्रोजेक्ट वाराणसी और चंदौली जिलों को कवर करेगा।
इन्फ्रास्ट्रक्चर ढांचे को बढ़ाने की जरूरत
वाराणसी स्टेशन रेलवे का एक महत्वपूर्ण हब है। यह महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए एक तरह से गेटवे का कार्य करता है-खासकर पर्यटकों, श्रद्धालुओं और स्थानीय आबादी के लिहाज से। केंद्र सरकार ने कहा है कि वाराणसी-डीडूयू जंक्शन रूट यात्रियों और सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए बेहद अहम है, लेकिन कोलस सीमेंट और खाद्यान्न जैसी चीजों की ढुलाई के कारण यहां भारी ट्रैफिक रहता है। इस समस्या के समाधान के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर ढांचे को बढ़ाना आवश्यक है।पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का हिस्सा प्रोजेक्ट
नया रेल-रोड ब्रिज और तीसरी और चौथी लाइन का निर्माण इसी दिशा में उठाया गया कदम है। इनसे ट्रैफिक तो कम होगा ही, 2.78 करोड़ टन सामान की प्रति वर्ष ढुलाई होने की उम्मीद है। यह प्रोजेक्ट भी पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का हिस्सा है। सरकार ने कहा है कि यह प्रोजेक्ट रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में 30 किलोमीटर की वृद्धि करेगा।