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मोदी सरकार ने रद किए 6 करोड़ राशन कार्ड, कहीं आपका नाम भी लिस्ट में तो नहीं!

देश में अभी लगभग 20.4 करोड़ राशन कार्ड के जरिए 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त राशन मिलता है। अब राशन कार्ड के डिजिटलीकरण के चलते सार्वजनिक वितरण प्रणाली में बड़ा बदलाव आया है। आपको बता दें कि वेरिफिकेशन के बाद लगभग 6 करोड़ राशन कार्ड फर्जी मिले हैं। इन राशन कार्डों को सरकार ने रद कर दिया है।

By Jagran News Edited By: Manish Negi Updated: Wed, 20 Nov 2024 07:57 PM (IST)
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देश में करोड़ों फर्जी राशन कार्ड रद (फाइल फोटो)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राशन कार्ड के डिजिटलीकरण के चलते देश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में बड़ा बदलाव आया है। आधार एवं ईकेवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) प्रणाली के माध्यम से सत्यापन कराने के बाद लगभग पांच करोड़ 80 लाख से अधिक राशन कार्ड फर्जी पाए गए हैं, जिन्हें सरकार ने रद्द कर दिया है। इससे वितरण प्रणाली के हेर-फेर में काफी हद तक कमी आई है और लाभार्थियों की संख्या बढ़ाने में भी मदद मिली है।

80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मिल रहा मुफ्त राशन

देश में केंद्र सरकार अभी 80 करोड़ 60 लाख लोगों को 20.4 करोड़ राशन कार्ड के माध्यम से राशन मुफ्त दे रही है। इनमें 99.80 प्रतिशत राशन कार्ड को आधार से लिंक कर दिया गया है। देश भर के 5.33 लाख ई-पीओएस (इलेक्ट्रानिक प्वाइंट आफ सेल) उपकरणों के जरिए उचित मूल्य की दुकानों से खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है।

सभी राशन कार्ड कंप्यूटरीकृत

खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने सभी 20.4 करोड़ घरेलू राशन कार्डों की संपूर्ण वितरण प्रक्रिया को कंप्यूटरीकृत कर दिया है। देश की लगभग सभी उचित मूल्य की दुकानों से खाद्यान्न वितरण संचालित किया जाता है। ई-पीओएस उपकरण के माध्यम से वितरण प्रक्रिया के दौरान लाभार्थी के आधार का प्रमाणीकरण किया जाता है, जिससे सही लाभार्थियों तक राशन पहुंचाना संभव हो पाता है। आधार प्रमाणीकरण का उपयोग अभी कुल खाद्यान्न के लगभग 98 प्रतिशत वितरण के लिए ही किया जा रहा है जिससे अपात्र लाभार्थियों को हटा कर हेरा-फेरी की आशंका कम कर दी गई है।

ईकेवाईसी के जरिए लाभार्थियों की पहचान उनके आधार और राशन कार्ड के ब्योरे के साथ सत्यापित होता है जिससे अपात्र लाभार्थी अपने आप बाहर हो जाते हैं। सभी पीडीएस लाभार्थियों में से 64 प्रतिशत का ईकेवाईसी किया गया है। शेष के ईकेवाईसी पूरा करने की प्रक्रिया जारी है। सुविधा के लिए सरकार ने देश में किसी भी उचित मूल्य की दुकान पर ईकेवाईसी की व्यवस्था की है।

राशन कार्डों के डिजिटलीकरण और आधार से जोड़े जाने से दोहराव की आशंका खत्म हो गई है। वन नेशन वन राशन कार्ड की पहल से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत देश के किसी भी हिस्से में सभी 80.6 करोड़ लाभार्थियों को उसी मौजूदा राशन कार्ड द्वारा नि:शुल्क खाद्यान्न मिल सकता है। चाहे उनके राशन कार्ड किसी भी राज्य या जिले में जारी हुए हों। आधार से संबद्ध होने के चलते पारदर्शी व्यवस्था है।