PM Modi Oath Ceremony: मुइज्जू, शेख हसीना समेत ये विदेशी नेता बने मोदी के गेस्ट, यहां देखें सभी नेताओं की लिस्ट
PM Modi Oath Ceremony पड़ोसी देशों के कई नेता आज नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे। मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। यह समारोह आज शाम 7.15 बजे राष्ट्रपति भवन में होगा। विदेश मंत्रालय के अनुसार कई नेताओं ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया है और वे समारोह में भाग लेने के लिए रविवार को नई दिल्ली पहुंच चुके है।
ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। PM Modi Oath Ceremony: मैं नरेंद्र दामोदर मोदी...आज का दिन भारत के लिए काफी ऐतिहासिक है। 9 जून, 2024 की शाम 7 बजकर 15 मिनट पर नरेंद्र दामोदर मोदी लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। इस खास शपथ ग्रहण समारोह में न केवल देश के जाने-माने नेता बल्कि भारत के पड़ोसी देशों के कई नेताओं का भी आगमन होगा। भारत ने नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए इन 7 देशों के नेताओं को आमंत्रित किया है।
बता दें कि यह समारोह आज शाम 7.15 बजे राष्ट्रपति भवन में होगा। विदेश मंत्रालय के अनुसार, कई नेताओं ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया है और वे समारोह में भाग लेने के लिए रविवार को नई दिल्ली पहुंचेंगे। बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना और सेशेल्स के उप-राष्ट्रपति, अहमद अफीफ शनिवार (8 जून को) को ही दिल्ली पहुंच गए थे।
इन 7 देशों के नेता शपथ ग्रहण समारोह में होंगे शामिल
- श्रीलंका के राष्ट्रपति, रानिल विक्रमसिंघे
- मालदीव के राष्ट्रपति, डॉ. मोहम्मद मुइज्जू
- सेशेल्स के उप-राष्ट्रपति, अहमद अफीफ
- बांग्लादेश की प्रधानमंत्री, शेख हसीना
- मॉरीशस के प्रधानमंत्री, प्रविंद कुमार जगन्नाथ
- नेपाल के प्रधानमंत्री, पुष्प कमल दहल 'प्रचंड'
- भूटान के प्रधानमंत्री, शेरिंग तोबगे
क्या है नेबरहुड फर्स्ट और SAGAR विजन?
भारत दशकों से पड़ोस के साथ-साथ पश्चिमी और दक्षिणी हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में संकट के दौरान सुरक्षा प्रदाता रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार 2015 में मॉरीशस की राजधानी पोर्ट लुइस में सागर शब्द का इस्तेमाल किया था।भारत इन देशों के साथ अपनी नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी और SAGAR विजन को आगे बढ़ाने की दिशा में प्रतिबद्ध है। SAGAR का मतलब है सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन/विजन। सागर विजन के तहत भारत पड़ोसी देशों के समुद्री सुरक्षा को देखते हुए अपनी आर्थिक और सुरक्षा संबंधों को भी मजबूत करता रहा है। सागर के माध्यम से भारत न केवल अपनी समुद्री क्षमताओं को बढ़ाना चाहता है, बल्कि चीन की बेल्ट एंड रोड पहल का भी मुकाबला करना चाहता है, जिसके माध्यम से वह लगातार हिंद महासागर क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश करता रहा है।
कौन-कौन पहुंच चुका नई दिल्ली
- मालदीव के राष्ट्रपति, डॉ. मोहम्मद मुइज्जू
- मॉरीशस के प्रधानमंत्री, प्रविंद कुमार जगन्नाथ
- बांग्लादेश की प्रधानमंत्री, शेख हसीना
- सेशेल्स के उप-राष्ट्रपति, अहमद अफीफ
- भूटान के प्रधानमंत्री, शेरिंग तोबगे
- श्रीलंका के राष्ट्रपति, रानिल विक्रमसिंघे
- नेपाल के प्रधानमंत्री, पुष्प कमल दहल 'प्रचंड'