मालदीव के राष्ट्रपति ने मदद के लिए पीएम मोदी को कहा धन्यवाद, 400 करोड़ डॉलर के लेन-देन पर हुई बात
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के आधिकारिक निमंत्रण पर मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू 6-10 अक्टूबर तक भारत की यात्रा पर आए हैं। मुइज्जू का यह दूसरा भारत दौरा है। राष्ट्रपति मुइज्जू ने कहा कि भारत हमारा अहम साझेदार है। दोनों देश एक अच्छे दोस्त भी हैं और दोनों देशों के संबंध अहम हितों से जुड़े हैं। मालदीव के किसी भी फैसले से भारत की सुरक्षा पर कोई आंच नहीं आएगा।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। mohamed muizzu In India। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू और मालदीव की प्रथम महिला साजिदा मोहम्मद रविवार को अपनी पहली द्विपक्षीय भारत यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे। इस दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मुइज्जू से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंध बढ़ाने की मालदीव के राष्ट्रपति की प्रतिबद्धता की प्रशंसा की है।
जयशंकर ने मुइज्जू से मुलाकात के दौरान भारत और मालदीव के रिश्तों को और सशक्त करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई है। उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि उनकी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से होने वाली वार्ता भी दोनों देशों के मैत्रीपूर्ण संबंधों को और प्रगाढ़ करेगी।
मुइज्जू के साथ एक्स पर अपनी फोटो को साझा करते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत के सरकारी दौरे पर राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू का स्वागत करके वह बहुत प्रसन्न हैं।
राष्ट्रपति मुइज्जू ने पीएम मोदी का किया धन्यवाद
साथ ही मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने सोमवार को 400 मिलियन डॉलर के द्विपक्षीय मुद्रा विनिमय समझौते के अलावा 30 अरब रुपये (360 मिलियन डॉलर) की वित्तीय सहायता प्रदान करने के सरकार के फैसले के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया।
मालदीव का कोई फैसला भारत के खिलाफ नहीं होगा: मुइज्जू
समाचार पत्र टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि मालदीव कभी ऐसा फैसला नहीं लेगा, जिससे भारत कमजोर हो या दोनों देशों के बीच संबंध खराब हो। दरअसल, जब उनसे सवाल पूछा गया कि मौजूदा समय में मालदीव और चीन के संबंध काफी बेहतर हैं, तो भारत यह भरोसा कर सकत है कि मालदीव कभी ऐसा कुछ नहीं करेगा, जिससे भारत की सुरक्षा कमजोर हो।
इसपर राष्ट्रपति मुइज्जू ने कहा कि भारत हमारा अहम साझेदार है। दोनों देश एक अच्छे दोस्त भी हैं और दोनों देशों के संबंध अहम हितों से जुड़े हैं। मालदीव के किसी भी फैसले से भारत की सुरक्षा पर कोई आंच नहीं आएगा। वहीं, किसी देश के साथ हमारी बातचीत भारत के साथ हमारे रिश्तों को कमजोर नहीं करेगी।