'दिन में व्यापार और रात में आतंकवाद नहीं हो सकता', 26/11 हमले पर भी एस जयशंकर ने कही बड़ी बात
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बार फिर पाकिस्तान का नाम लिए बिना निशाना साधा और कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत आतंकवाद से लड़ने में लीडर बनकर उभरा है। साथ ही उन्होंने चीन और कश्मीर के मुद्दे पर भी अहम टिप्पणियां कीं। पढ़ें उन्होंने क्या-क्या कहा।
आईएएनएस, मुंबई। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद से लड़ने में भारत अग्रणी बनकर उभरा है। इसके अलावा ईरान-इजराइल तथा यूक्रेन-रूस युद्ध के संदर्भ में उन्होंने कहा कि भारत आने वाले समय में हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है।
मुंबई में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि जहां तक आतंकवाद का सवाल है, भारत ने जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। उन्होंने कहा, 'मैं मुंबई में हूं, जो देश और दुनिया के लिए आतंकवाद विरोधी केंद्र बन गया है। खासकर 26/11 के आतंकवादी हमलों के बाद। जब हम यूएनएससी के सदस्य थे, तब हम आतंकवाद-रोधी समिति के अध्यक्ष थे। हमने पहली बार सुरक्षा परिषद की बैठक मुंबई के उस होटल में की थी, जहां आतंकवादी हमला हुआ था। जब दुनिया देखती है कि आतंकवाद की इस चुनौती के सामने कौन मजबूती से खड़ा है, तो लोग कहते हैं - भारत।'
पर्दाफाश कर कार्रवाई करेंगे: जयशंकर
उन्होंने आगे कहा कि मुंबई में आतंकवादी हमला हुआ और भारत की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। उन्होंने कहा, 'आज हम आतंकवाद से लड़ने में अग्रणी हैं। इस शहर पर हमला हुआ और कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई। यह हमारे लिए अच्छा नहीं है। हमें बहुत स्पष्ट होना चाहिए। हम आतंकवाद के लिए जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं और हमें मुंबई में जो हुआ, उसे दोहराना नहीं चाहिए। यह दिन में व्यापार और रात में आतंकवाद नहीं हो सकता। यह स्वीकार नहीं किया जाएगा।' विदेश मंत्री ने कहा कि हम आतंकवाद का पर्दाफाश करेंगे और फिर कार्रवाई करेंगे।'चीन के साथ तनाव कम करने की कोशिश'
चीन के साथ रिश्तों को लेकर जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच गतिरोध को समाप्त करने के लिए भारत और चीन के बीच हुए विघटन समझौते के बाद भारत तनाव कम करने पर ध्यान केंद्रित करेगा। उन्होंने कहा, 'भारत और चीन 21 अक्टूबर को एक विघटन समझौते पर पहुंचे, जिसके तहत दोनों देशों के सैनिक 2020 के सीमा टकराव से पहले की तरह गश्त फिर से शुरू करेंगे। इस समझौते से देपसांग और डेमचोक क्षेत्रों में गश्त आसान होने की उम्मीद है, जहां गश्त बहाल की जाएगी। हालांकि, इस समझौते के कार्यान्वयन के लिए कुछ समय की आवश्यकता होगी।'
'उस दिन भारत जीत गया'
उन्होंने आगे कहा, 'अगला स्तर तनाव कम करना है और तीसरा बड़ा मुद्दा यह है कि आप सीमा का प्रबंधन कैसे करते हैं और सीमा समझौते पर कैसे बातचीत करते हैं।' कश्मीर के मुद्दे पर उन्होंने कहा, 'जहां तक कश्मीर का सवाल है, हम इस बात को लेकर बहुत स्पष्ट हैं कि सीमा पार आतंकवाद है। हमने महसूस किया है कि इस मुद्दे से निपटने के कई तरीके हैं।'
एस जयशंकर ने कहा, 'जब विधानसभा चुनाव हुए थे, तब मतदाताओं का मतदान प्रतिशत 60 प्रतिशत से अधिक था और लोगों की प्रतिक्रिया को देखते हुए यह एक बड़ा बयान था। कौन जीतता है, यह एक गौण हिस्सा है। उस दिन भारत जीत गया, जब कई लोगों ने अनुच्छेद 370 को खत्म करने और अलगाववादी नीति की पकड़ को हटाने के सरकार के कदम पर अपना विश्वास जताया।'