ऑस्ट्रेलिया में विदेशी छात्रों की संख्या रहेगी सीमित, विश्वविद्यालयों को निर्देश जारी; भारतीयों पर क्या पड़ेगा असर
ऑस्ट्रेलिया ने अपने विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि परिसर में घरेलू छात्रों की संख्या बहुसंख्यक बनी रहे, क्योंकि सरकार बढ़ते अंतरराष्ट्रीय प्रवेशों के बीच नामांकन को संतुलित करने की दिशा में कदम उठा रही है। शिक्षा मंत्री जेसनक्लेयर ने कहा कि सभी संस्थानों में कुल नामांकन में ऑस्ट्रेलियाई छात्रों की संख्या 50 प्रतिशत से अधिक होनी चाहिए।

ऑस्ट्रेलिया में विदेशी छात्रों की संख्या रहेगी सीमित, विश्वविद्यालयों को निर्देश जारी (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया ने अपने विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि परिसर में घरेलू छात्रों की संख्या बहुसंख्यक बनी रहे, क्योंकि सरकार बढ़ते अंतरराष्ट्रीय प्रवेशों के बीच नामांकन को संतुलित करने की दिशा में कदम उठा रही है। शिक्षा मंत्री जेसन क्लेयर ने कहा कि सभी संस्थानों में कुल नामांकन में ऑस्ट्रेलियाई छात्रों की संख्या 50 प्रतिशत से अधिक होनी चाहिए।
उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब इस बात को लेकर चिंता जताई जा रही है कि सिडनी विश्वविद्यालय, मर्डोक विश्वविद्यालय और आरएमआईटी जैसे प्रमुख विश्वविद्यालयों में अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या 50 प्रतिशत से अधिक हो गई है।
इस कदम से वैश्विक छात्र गतिशीलता पर असर पड़ने की उम्मीद है, खासकर भारतीय छात्रों पर, जो ऑस्ट्रेलिया में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक सबसे बड़े समूहों में से एक हैं।
यूनिवर्सिटी लिविंग के संस्थापक और सीईओ सौरभ अरोड़ा ने कहा कि यह फैसला देश के उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है।
उन्होंने यूनिवर्सिटी लिविंग के रिसर्च डेस्क को बताया कि यह हमें याद दिलाता है कि विश्वविद्यालयों को सबसे पहले अपने घरेलू छात्रों की सेवा करनी चाहिए। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय छात्र इस पारिस्थितिकी तंत्र का एक प्रमुख हिस्सा बने हुए हैं।
यूनिवर्सिटी लिविंग ऑस्ट्रेलिया रिपोर्ट 2024 के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया ने 2024 में लगभग 8,00,000 अंतरराष्ट्रीय छात्रों की मेजबानी की, जिनमें से लगभग 17 प्रतिशत भारत के थे। ये छात्र इंजीनियरिंग, आईटी, व्यवसाय और स्वास्थ्य सेवा जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं, जहाँ कौशल की कमी बनी हुई है।
यह निर्देश ऑस्ट्रेलिया की अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा नीति में व्यापक बदलावों को दर्शाता है, जो आवास संबंधी दबावों, प्रवासन प्रवृत्तियों और आर्थिक जरूरतों से प्रभावित हैं। वीज़ा नियमों और अध्ययन के बाद के कार्य नियमों में पिछले कुछ वर्षों में कई संशोधन हुए हैं, क्योंकि सरकार विकास और स्थिरता के बीच संतुलन बनाने का प्रयास कर रही है।

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