Move to Jagran APP

पिता चलाते हैं किराने की दुकान, बेटे ने जर्मनी में जीता गोल्ड मेडल, बना नंबर-1 पावरलिफ्टर

भारतीय पावरलिफ्टरों ने जर्मनी में शानदार प्रदर्शन किया है और पदक अपने नाम किए हैं। भारत के तीन पावरलिफ्टरों ने जर्मनी में शानदार खेल दिखाते हुए अपने कोच का नाम रोशन किया है। दो गोल्ड मेडल जीतने वाले रितेश डोगरा के पिता दिल्ली के मजनू के टिला पर किराने की दुकान चलाते हैं। रितेश के कोच ने उनकी सफलता पर खुशी जाहिर की है।

By Jagran News Edited By: Abhishek Upadhyay Tue, 25 Jun 2024 10:32 PM (IST)
पदक विजेता (बाएं से दाएं) प्रभजीत बख्शी, सुरेंद्र सिंह और रितेश डोगरा। सौजन्य- कोच

 निखिल पाठक, जागरण, नई दिल्ली: राजधानी में मजनू के टीले इलाके को ड्रग्स हब के रूप में जाना जाता है। यहां के अधिकतर युवा नशे की लत में लिप्त रहते हैं। लेकिन यहां एक ऐसा भी लड़का रहता है, जो अपने जज्बे, जुनून और कामयाबी की जिद के दम पर विश्वभर में भारत का नाम रोशन कर रहा है। हाल ही में जर्मनी के श्वेट्जिंगन में आयोजित आइपीएल यूरोपियन पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में रितेश डोगरा ने स्वर्णिम प्रदर्शन कर श्रेष्ठ लिफ्टर का खिताब अपने नाम किया।

87 किलो भारवर्ग फुल पावरलिफ्टिंग में रितेश ने कुल 760 किलो भार उठाते हुए दो स्वर्ण और एक रजत पदक जीतकर प्रथम स्थान प्राप्त किया। इसी स्पर्धा में अमेरिका के जस्टिन 740 किलो तथा जर्मनी के रवाड 737.5 किलो भार उठाकर क्रमशः द्वितीय व तृतीय स्थान पर रहे। बता दें कि चैंपियनशिप में भारत, जर्मनी, फ्रांस, इटली, अमेरिका, इंग्लैंड, आयरलैंड, व ग्रीस से 121 खिलाड़ियों ने भाग लिया था।

यह भी पढ़ें- ऐतिहासिक जीत के बाद राशिद खान के पास आया आमिर खान का फोन, वीडियो कॉल पर दी जीत की बधाई

पिता चलाते हैं किराने की दुकान

रितेश अपने पिता हेमराज डोगरा और मां संतोष डोगरा के साथ मजनू का टीला कालोनी के एच-ब्लाक में रहते हैं। उनके पिता किराने की दुकान चलाते हैं और मां गृहिणी हैं। इसी क्रम में गांव ताजपुर निवासी सुरेंद्र सिंह ने फुल पावरलिफ्टिंग रा मास्टर में कुल तीन स्वर्ण, दो रजत और एक कांस्य पदक जीता। सुरेंद्र ने 665 किलो भार उठाया। जर्मनी के मिशेल 650 किलो दूसरे और जर्मनी के ही ल्यूकास 645 किलो भार उठाकर तीसरे स्थान पर रहे।

वहीं मुखर्जी नगर निवासी फुल पावरलिफ्टिंग ओपन रा में प्रभजीत बख्शी ने दो स्वर्ण और एक रजत जीता। प्रभजीत ने कुल 690 किलो भार उठाया। दूसरे स्थान पर सुरेंद्र सिंह ने 665 किलो भार उठाया तथा तीसरे स्थान पर ग्रीस के चारिडिमास ने कुल 655 किलो भार उठाया। बता दें कि यह तीनों ही शिष्य द्रोणाचार्य अवार्डी भूपेंद्र धवन के शिष्य हैं।

रितेश की उपलब्धियां

- वर्ष 2023 में फ्लोरिडा स्थित आरलैंडो में प्रो ओलिंपिया पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में दो स्वर्ण और एक रजत

- वर्ष 2014 में आगरा में जूनियर राष्ट्रीय पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में पहला स्वर्ण पदक

- वर्ष 2015 में सीनियर राष्ट्रीय पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण

- साल 2015 के अंत में ओपन अंतरराष्ट्रीय पावरलिफ्टिंग में स्वर्ण के रूप में पहला अंतरराष्ट्रीय पदक

- साल 2017 में विश्व पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में तीन स्वर्ण पदक

देश का नाम किया रोशन

द्रोणाचार्य अवार्डी और तीनों के कोच भूपेंद्र धवन ने कहा, "रितेश डोगरा, सुरेंद्र सिंह, प्रभजीत बख्शी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए राजधानी व देश का नाम रोशन किया है। सुरेंद्र दो बार के मिस्टर इंडिया का खिताब भी जीत चुके हैं। खेल के इस क्षेत्र में उदीयमान भारतीय खिलाड़ियों से बहुत आशाएं हैं।"

यह भी पढ़ें- दोस्ती या चुनौती... Rashid Khan ने Rohit Sharma के साथ फोटो पोस्ट कर क्या इशारा किया ?