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BJP के संगठन में बड़ा बदलाव जल्द, लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद नए दौर में संघ के साथ समन्वय

आने वाले दिनों में भाजपा और आरएसएस के संगठन में व्यापक बदलाव देखने को मिल सकता है। दो महीने में भाजपा का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष भी चुना जाना है। आरएसएस से कई संगठन मंत्रियों को भाजपा में काम करने के लिए भेजा जाएगा। नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए आरएसएस और भाजपा के बीच सर्वसम्मति बनाने की कोशिश भी शुरू होगी।

By Jagran News Edited By: Manish Negi Updated: Tue, 05 Nov 2024 08:01 PM (IST)
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बीजेपी में चुना जाएगा नया राष्ट्रीय अध्यक्ष
नीलू रंजन, नई दिल्ली। अगले दो महीने में नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने के साथ ही भाजपा में बड़े पैमाने पर बदलाव की तैयारी शुरू हो गई है। इसके तहत भाजपा और संघ के बीच समन्वय भी और तेज होगा। इसके तहत केंद्र और राज्यों में संगठन में नए चेहरे देखने को मिल सकते हैं।

कई संगठन मंत्रियों के बदलेंगे राज्य

आरएसएस से आने वाले कई संगठन मंत्रियों के राज्य बदले जाने की संभावना है। वहीं, कई नए संगठन मंत्रियों को भेजे जाने पर दोनों संगठनों के शीर्ष नेताओं के बीच बातचीत चल रही है। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, दिसंबर के मध्य में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए आरएसएस और भाजपा के बीच सर्वसम्मति बनाने की कोशिश शुरू होगी।

कब होगा राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव?

आरएसएस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि अभी तक इस मुद्दे पर बातचीत शुरू नहीं हुई है। भाजपा का सदस्यता अभियान खत्म होने के बाद राज्यों में संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है और आधे से अधिक राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव संपन्न होने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा।

संगठन में बड़ा बदलाव तय

राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के साथ ही आरएसएस और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के बीच संगठन में व्यापक बदलाव पर सहमति बन गई है। फिलहाल विभिन्न राज्यों में तैनात सात संगठन मंत्रियों की पहचान की गई है, जिन्हें नए राज्यों का दायित्व सौंपा जाएगा। वहीं, बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में एक संगठन मंत्री के मातहत उप संगठन मंत्री भी भेजे जा सकते है, ताकि कमजोर इलाकों में संगठन को मजबूत करने के लिए बेहतर समन्वय के साथ काम किया जा सके।

संघ, बीजेपी मिलकर दूर करेंगे कमजोरी

ध्यान देने की बात भाजपा के संगठन मंत्री आरएसएस के पूर्णकालिक प्रचारक होते हैं। आरएसएस की ओर से उन्हें भाजपा में काम करने के लिए भेजा जाता है। संगठन मंत्री को आरएसएस के स्वयंसेवकों और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच सीधा संवाद स्थापित करने वाले अहम कड़ी के रूप में देखा जाता है। पिछले एक दशक में भाजपा के तेज गति से फैलाव और बाहरी नेताओं के शामिल होने से स्वयंसेवकों के साथ भाजपा के साथ संवाद कमजोर पड़ने की आशंका जताई जाती रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को अपेक्षित सीटें नहीं मिलने के पीछे इसे एक मुख्य वजह भी माना जाता है। आरएसएस और भाजपा दोनों अब इस कमजोरी को दूर करने की कोशिश में जुट गए हैं। इसके लिए आरएसएस नए संगठन मंत्रियों को भाजपा में भेजने को भी सहमत हो गया है।