'एनडीए बड़ी बढ़त के साथ...', बिहार के नतीजों पर शशि थरूर का चौंकाने वाला बयान; कांग्रेस को दी सलाह
बिहार विधानसभा चुनाव के रुझानों में एनडीए की बढ़त पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि अंतिम नतीजों के लिए चुनाव आयोग की घोषणा का इंतजार करना चाहिए। उन्होंने हार-जीत के कारणों पर समीक्षा करने की आवश्यकता बताई और कहा कि चुनावी सफलता कई कारकों पर निर्भर करती है। थरूर ने महिला मतदाताओं को दिए गए प्रोत्साहनों पर भी बात की।

बिहार के नतीजों पर शशि थरूर का चौंकाने वाला बयान। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव के वोटों की गिनती जारी है। शुरुआती रुझानों के मुताबिक, बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए बहुमत के आंकड़ों से काफी आगे पहुंच गई है। दोपहर एक बजे तक के रुझानों के मुताबिक, एनडीए 199 सीटों पर आगे चल रही है। वहीं, महागठबंधन महज 38 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है।
बिहार के चुनाव परिणामों पर कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद शशि थरूर का बयान सामने आया है। कांग्रेस सांसद का कहना है कि चुनाव आयोग की ओर से परिणामों की घोषणा का इंतजार करना चाहिए। कांग्रेस के दिग्गज नेता का कहना है कि चुनाव में हार जीत कई कारणों पर निर्भर करती है।
'हार के कारणों की करनी चाहिए समीक्षा'
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि फिलहाल बात बढ़त की है। वे (एनडीए) काफी बड़े अंतर से आगे चल रहे हैं, लेकिन चुनाव आयोग द्वारा परिणामों पर चर्चा और घोषणा का इंतजार करना चाहिए। शशि थरूर कहते हैं कि मुझे पूरा यकीन है कि पार्टी की जिम्मेदारी है कि वह कारणों का विस्तार से अध्ययन करे, लेकिन याद रखें कि हम गठबंधन में वरिष्ठ सहयोगी नहीं थे और राजद को भी अपने प्रदर्शन पर ध्यान देना होगा।
'चुनावी हार जीत कई कारणों पर निर्भर'
कांग्रेस सांसद ने नसीहत देते हुए कहा कि चुनावी हार जीत के मामले में यह काफी आवश्यक है कि हम अपने प्रदर्शन की समग्रता पर गौर करना चाहिए। चुनाव कई कारकों पर निर्भर करते हैं।
महिलाओं ने दिया एनडीए का साथ?
चुनावी परिणामों के बाद यह भी कहा जा रहा है कि सरकार की ओर से महिलाओं के लिए चलाई गई योजनाओं ने एनडीए की जीत में अहम भूमिका निभाई है। इसपर शशि थरूर ने कहा कि आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले महिला मतदाताओं को कुछ प्रोत्साहन जरूर दिए गए थे। हम इसे पसंद करें या न करें, लेकिन यह हमारे कानून के तहत वैध है।
थरूर ने कहा कि मुझे डर है कि यह पहली बार नहीं है जब हमने राज्य सरकारों को समाज के कुछ वर्गों को लाभ पहुँचाने के ऐसे काम करते देखा है। थरूर ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि यह एक स्वस्थ परंपरा है, लेकिन हमने महाराष्ट्र और राज्य की अन्य सीटों पर भी कुछ ऐसा ही देखा है। (समाचार एजेंसी एएनआई के इनपुट के साथ)

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।