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'मैं समंदर हूं, लौटकर फिर आऊँगा’, 5 साल बाद सटीक बैठी फडणवीस की भविष्यवाणी, अपनी खास रणनीति से विपक्ष को दी मात

भारतीय जनता पार्टी ने तीसरी बार 100 से अधिक सीटों पर जीत देवेंद्र फडणवीस के मैनेजमेंट से दर्ज की है। 2014 में पार्टी ने 122 और 2019 विधानसभा चुनाव में 105 सीटों पर जीत दर्ज की। इस बार पार्टी ने 132 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की है। पिछले तीन चुनाव से भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी सियासी पार्टी बनकर उभरी है।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Sun, 24 Nov 2024 12:00 AM (IST)
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Maharashtra Election Result 2024: उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस। ( फोटो- एएनआई)
ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। महाराष्ट्र भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का राजनीतिक प्रबंध कौशल एक बार फिर सामने आ गया है। उनके नेतृत्व में महाराष्ट्र भाजपा विधानसभा चुनाव में 132 सीटों के साथ न सिर्फ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, बल्कि वह खुद मुख्यमंत्री पद के सबसे सशक्त दावेदार भी बनकर उभरे हैं।

देवेंद्र के नेतृत्व में यह कमाल पहली बार नहीं हुआ है। 2014 में भी प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया था। तब शिवसेना से गठबंधन टूट जाने के बाद भी भाजपा 122 सीटें जीती थी और राज्य में पहली बार देवेंद्र फडणवीस के रूप में भाजपा को अपना मुख्यमंत्री मिला था।

वह लंबे समय बाद अपना पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करनेवाले मुख्यमंत्री बने और उन्हीं के नेतृत्व में 2019 का चुनाव शिवसेना के साथ गठबंधन में लड़ा गया। तब भी भाजपा 105 सीटें लेकर आई। मगर उद्धव ठाकरे ने भाजपा को धोखा देकर कांग्रेस और राकांपा के साथ मिलकर सरकार बना ली।

महाराष्ट्र में लौट आया समंदर

तब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में बोलते हुए फडणवीस ने एक बार कहा था- ‘मेरा पानी उतरता देख मेरे किनारे पर घर मत बसा लेना। मैं समंदर हूँ, लौटकर फिर आऊँगा’। और अब वही देवेंद्र रूपी समंदर मुंबई के अरब सागर के ज्वार की भांति अपने सभी विरोधियों को बहाता हुआ लौटकर फिर वापस आ गया है।

राज्यसभा चुनाव में दिया पहला झटका

यह पहला अवसर नहीं है, जब देवेंद्र ने अपने विरोधियों को इस प्रकार धूल चटाई हो। 2019 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान फडणवीस कई बार कहते सुने गए कि ‘मी पुन्हा येईल’ (मैं पुनः आऊंगा)। मगर जब 2019 में भाजपा की सरकार नहीं बन सकी तो उनके विरोधी यही शब्द दोहराकर बार-बार उनकी खिल्ली उड़ाते थे। तब फडणवीस ने अपने विरोधियों को पहला झटका जून 2022 में हुए राज्यसभा चुनाव में दिया।

उस राज्यसभा चुनाव में त्रिदलीय महाविकास आघाड़ी ने जबरन अपना चौथा उम्मीदवार खड़ा कर दिया था। इस चुनाव में फडणवीस ने प्रथम और द्वितीय प्राथमिकता के मतों का ऐसा खेल खेला कि वह भाजपा का तीसरा उम्मीदवार तो जिताने में सफल रहे और सत्तारूढ़ आघाड़ी का चौथा उम्मीदवार हार गया।

विधान परिषद चुनाव में कर चुके खेला

मगर असली खेला तो इसके 10 दिन बाद विधान परिषद चुनाव में हुआ। 20 जून, 2022 को हुए इस चुनाव में भी फडणवीस अपनी मनमर्जी के उम्मीदवार तो जिताने में कामयाब रहे ही, विधान परिषद चुनाव समाप्त होते ही तब शिवसेना सरकार में वरिष्ठ मंत्री रहे एकनाथ शिंदे ने अपने 16 साथियों के साथ मिलकर उद्धव ठाकरे से बगावत कर दी और सूरत जा पहुंचे। कुछ दिन बाद यह संख्या 40 पर पहुंच गई और उद्धव ठाकरे की सरकार ही गिर गई।

फडणवीस के नेतृत्व में एक और चमत्कार

फडणवीस ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में भाजपा-शिवसेना गठबंधन की सरकार बनवाई और अपने केंद्रीय नेतृत्व के आदेश पर स्वयं उपमुख्यमंत्री के रूप में सरकार में शामिल भी हुए। इस घटना के करीब एक साल बाद ही फडणवीस के नेतृत्व में एक और चमत्कार देखने को मिला, जब अजित पवार भी एक दोपहर अपने 10 साथियों के साथ शिंदे सरकार में मंत्री पद की शपथ लेते दिखाई दिए। बाद में उनके साथ भी पार्टी के 40 से अधिक विधायक आ गए। अब एक बार फिर देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में ही भाजपा ने लगातार तीसरी बार 100 से अधिक सीटों के साथ जीत हासिल की है।

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