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महाराष्ट्र व झारखंड में विपक्ष को सता रहा जोड़तोड़ का डर, कांग्रेस ने पर्यवेक्षक किए नियुक्त; एक जगह भेजे जाएंगे सभी विधायक

महाराष्ट्र और झारखंड में विपक्ष को सियासी खेला का डर सताने लगा है। यही वजह है कि अलर्ट कांग्रेस ने दोनों ही राज्यों में अपने पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है। शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा कि चुनाव परिमाण के बाद सभी विधायकों को मुंबई में एक स्थान पर भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर बहुमत आता है तो भी भाजपा सरकार बनाने में बाधा डाल सकती है।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Fri, 22 Nov 2024 08:08 PM (IST)
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राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे। ( फाइल फोटो )
एएनआई, नई दिल्ली। 23 नवंबर यानी शनिवार को महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे आएंगे। दोपहर तक तस्वीर साफ हो जाएगी कि दोनों राज्यों में किसकी सरकार बनने जा रही है। चुनाव नतीजों से पहले ही कांग्रेस अलर्ट हो गई है। पार्टी ने दोनों ही राज्यों में पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है। अशोक गहलोत, भूपेश बघेल और डॉ. जी. परमेश्वर को महाराष्ट्र का पर्यवेक्षक बनाया गया है। तारिक अनवर, मल्लू भट्टी विक्रमार्क और कृष्णा अल्लावुरु को झारखंड के पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी मिली है।

महाराष्ट्र में 'खेला' से सतर्क विपक्षी गठबंधन

एग्जिट पोल ने विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी (मविअ) की चिंता बढ़ा दी है। आज अघाड़ी के तीनों दलों के नेताओं ने अपने-अपने उम्मीदवारों से बातकर उन्हें एकजुट रहने की सलाह दी है। शनिवार को परिणाम आने के बाद अघाड़ी के सभी विधायकों को एक ही स्थान पर रखने की तैयारी भी की जा रही है। ताकि कोई ‘खेला’ होने से बचा जा सके।

एक साथ रहेंगे मविअ के विधायक

मतदान के बाद आए ज्यादातर एग्जिट पोल्स में महायुति को बढ़त मिलने की संभावना जताई गई है। हालांकि ऐसे संभावना वाले एग्जिट पोल्स पर मविअ नेताओं ने अविश्वास जताते हुए अपनी ही सरकार बनने का दावा किया है। मगर उनकी चिंता भी बढ़ी दिख रही है। शिवसेना नेता संजय राउत ने शुक्रवार को कहा कि महाविकास अघाड़ी के घटक दलों ने महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों के बाद अपने सभी नवनिर्वाचित विधायकों को मुंबई में एक साथ रखने का फैसला किया है।

राउत ने किया बड़ा दावा

राउत ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मविअ नेताओं ने बृहस्पतिवार को बैठक की और हर सीट का आकलन किया। इनमें वह स्वयं, उनकी पार्टी के सहयोगी अनिल देसाई, राकांपा (शरदचंद्र पवार) के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल और कांग्रेस नेता सतेज पाटिल और बालासाहेब थोराट शामिल थे। राउत ने विश्वास जताया कि एमवीए चुनाव में 160 सीटें जीतेगी।

कांग्रेस नेताओं को मुंबई आना पड़ेगा

राउत ने यह भी कहा कि कोई भी ताकत मविअ को महाराष्ट्र में अगली सरकार बनाने से नहीं रोक सकती और शीर्ष पद पर निर्णय केवल महाराष्ट्र में ही लिया जाएगा। राउत ने कहा कि वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को मुख्यमंत्री पद पर सहमति के लिए मुंबई आना है, क्योंकि राकांपा (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे मुंबई में ही हैं।

राष्ट्रपति शासन लगने का डर

राउत ने आशंका जताई कि विपक्ष के पास बहुमत होने के बावजूद भाजपा राज्यपाल कार्यालय के माध्यम से मविअ को सरकार बनाने में बाधा डालने की कोशिश करेगी। मगर हम बिना किसी देरी के निर्णय लेंगे। विपक्ष को डर है कि अगर 25 नवंबर तक नई सरकार नहीं बनी तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है।

विधायक मिलकर तय करेंगे सीएम

राउत के अनुसार हमने सभी नवनिर्वाचित विधायकों को मुंबई लाने का फैसला किया है। नए विधायकों के पास मुंबई में रहने की कोई व्यवस्था नहीं है। इसलिए हमने उनके लिए एक साथ आवासीय व्यवस्था करने का फैसला किया है। राउत ने कहा कि जीत की प्रबल संभावना वाले कुछ निर्दलीय विधायकों ने भी मविअ को ही समर्थन देने की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद के लिए कोई फॉर्मूला नहीं है। सब विधायक मिलकर सरकार का नेता चुनेंगे ।

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