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आखिर क्यों लगातार कमजोर हो रही कांग्रेस? झारखंड-महाराष्ट्र के नतीजों के बाद उठने लगे कई सवाल

Maharashtra Jharkhand Election Results लोकसभा चुनाव में ठीक-ठाक प्रदर्शन के बाद कांग्रेस को उम्मीद थी कि उसका राजनीतिक ग्राफ ऊपर जाएगा लेकिन पहले हरियाणा और अब महाराष्ट्र में मिले झटके के बाद पार्टी की संभावनाओं को बड़ा झटका लगा है। झारखंड में भी वह सहयोगी जेएमएम की जूनियर पार्टनर बनकर रह गई है ऐसे में निश्चित ही उसकी स्थिति विपक्षी खेमे में कमजोर हुई है।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Sun, 24 Nov 2024 05:51 PM (IST)
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कांग्रेस के अन्य सहयोगी उससे बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। (File Image)
पीटीआई, नई दिल्ली। कांग्रेस ने शनिवार को महाराष्ट्र में अपना सबसे खराब प्रदर्शन करते हुए हार का सिलसिला जारी रखा। वहीं झारखंड में सत्तारूढ़ जेएमएम के मुकाबले वह एक जूनियर पार्टनर बनकर रह गई है। ऐसे में विपक्षी खेमे में भी कांग्रेस की भूमिका कम हो गई, क्योंकि अन्य सहयोगी उससे बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।

झारखंड में कांग्रेस की जीत कुछ हद तक सांत्वना देने वाली रही, लेकिन हरियाणा में उलटफेर के बाद महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्य को खोना गठबंधन की राजनीति के इस दौर में पुरानी पार्टी की व्यापक सौदेबाजी की शक्ति को कमजोर कर सकता है। नांदेड़ लोकसभा उपचुनाव में भाजपा से हारने के बाद कांग्रेस पार्टी की लोकसभा में सीटों की संख्या भी 98 पर सिमट गई।

महाराष्ट्र में राज्यसभा सीटें की उम्मीदें भी खत्म

महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के खराब प्रदर्शन ने भविष्य में राज्य से राज्यसभा सीटें पाने की उम्मीदों को भी खत्म कर दिया। दूसरी ओर, एनडीए अपनी शानदार जीत के साथ राज्यसभा चुनावों के अगले चक्र में उच्च सदन में बहुमत हासिल करने के लिए तैयार है। महाराष्ट्र में विपक्षी एमवीए की प्रमुख पार्टी होने के बावजूद, कांग्रेस विपक्षी गुट का वजन उठाने में विफल रही और एनडीए की सुनामी के सामने हार गई।

कांग्रेस जिसने एमवीए सहयोगियों में सबसे अधिक, 288 में से 101 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा, केवल 16 सीटों पर जीत ,सकी। ऐसे में उसका स्ट्राइक रेट केवल 16 प्रतिशत रहा। महाराष्ट्र चुनावों में सबसे खराब स्ट्राइक रेट शरद पवार की एनसीपी (एसपी) का रहा, जिसने 86 सीटों में से 11.6 प्रतिशत यानी 10 सीटें जीती। वहीं शिवसेना (यूबीटी) ने 95 सीटों में से 21 सीटें जीत कर 22 प्रतिशत का स्ट्राइक रेट हासिल किया।

भाजपा का स्ट्राइक रेट सबसे अच्छा

दूसरी ओर, भाजपा का स्ट्राइक रेट सबसे अधिक 88.6 प्रतिशत रहा, जिसने 149 सीटों में से 132 सीटों पर जीत दर्ज की। भाजपा को 26.46 प्रतिशत वोट मिले, उसके बाद शिवसेना को 12.47 प्रतिशत और एनसीपी को 9.35 प्रतिशत वोट मिले। एमवीए में कांग्रेस को सबसे अधिक 11.89 प्रतिशत वोट मिले, उसके बाद एनसीपी-एसपी को 11.25 और शिवसेना (यूबीटी) को 10.28 प्रतिशत वोट मिले। दिलचस्प बात यह है कि अन्य पार्टियों को एमवीए के प्रत्येक सहयोगी की तुलना में 13.84 प्रतिशत अधिक वोट मिले।