फिर मिला गच्चा या सही रहा अनुमान, महाराष्ट्र और झारखंड में एग्जिट पोल कितने पास-कितने फेल?
Assembly Election Results महाराष्ट्र और झारखंड के चुनावी नतीजे आने के बाद एक बार फिर सवाल एग्जिट पोल को लेकर उठे कि वे पुर्वानुमान लगा पाने में कितने सफल रहे। हालांकि पिछले कुछ चुनाव के मुकाबले इस बार कुछ एग्जिट पोल्स के आंकड़े सटीक साबित हुए हैं। अधिकतर पोल्स ने महाराष्ट्र में जीत का अनुमान लगाया था लेकिन सीटों के मामले में कोई भी हकीकत भांप नहीं पाया।
पीटीआई, नई दिल्ली। ज्यादातर एक्जिट पोल महाराष्ट्र में राजग की जीत का अनुमान लगाने में सटीक साबित हुए हैं। हालांकि कोई भी एक्जिट पोल इस बात का अनुमान नहीं लगा पाया कि महायुति को इतनी बड़ी जीत मिलने जा रही है।
वहीं, झारखंड में ज्यादातर सर्वे एजेंसियों का झारखंड विधानसभा चुनाव का एक्जिट पोल गलत साबित हुआ है। एक्सिस माई इंडिया ही एक मात्र सर्वे एजेंसी रही है, जिसने महाराष्ट्र और झारखंड दोनों राज्यों में चुनाव की दिशा और सीटों की संख्या का काफी हद तक सही अनुमान लगाया है।
एक्सिस माई इंडिया ने का अनुमान सबसे करीब
एक्सिस माई इंडिया ने महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन को 178-200 सीटें और महा विकास अघाणी गठबंधन को 82-102 सीटें मिलने का अनुमान जताया था। महायुति गठबंधन की सीटें 200 से अधिक रहीं हैं। वहीं महा विकास अघाणी की सीटें अनुमान से काफी कम 50 के अंदर रहीं हैं।झारखंड की बात करें तो यहां ज्यादातर सर्वे एजेंसियों ने राजग की जीत का अनुमान पेश किया था। सिर्फ एक्सिस माई इंडिया ने आईएनडीआईए को 49- 59 सीटों पर जीत मिलने व हेमंत सरकार की शानदार वापसी का आकलन किया था। इससे पहले 2024 लोकसभा चुनाव और हरियाणा विधानसभा चुनाव में एक्सिस माई इंडिया के अनुमान गलत साबित हुए थे।
एग्जिट पोल के तरीकों पर उठे थे सवाल
हालांकि, हाल में हुए अमेरिका के चुनाव में सर्वे एजेंसी के अनुमान सही साबित हुए थे। पीपुल्स पल्स ने महाराष्ट्र के एक्जिट पोल में महायुति गठबंधन को 175-195 सीटें और महा विकास अघाड़ी को 85-112 सीटें मिलने का अनुमान लगाया था। पीपुल्स पल्स ने अन्य को 7-12 सीटें दीं थीं।कुछ एक्जिट पोल ने उत्तर प्रदेश में नौ विधानसभाओं के उपचुनाव में 5-7 सीटों पर भाजपा की जीत होने की संभावना जताई थी। उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में भाजपा ने सहयोगी दल के साथ मिल कर नौ में से सात सीटें जीतीं हैं। हाल में चुनाव आयोग ने बीते कुछ चुनावों में एक्जिट पोल गलत साबित होने पर पोल करने के तौर तरीकों पर सवाल उठाए थे।