'LAC पर देश को विश्वास में लें सरकार...', खरगे ने चीन के साथ सीमा विवाद पर खड़े किए सवाल; बीजेपी ने दिया करारा जवाब
भारतीय क्षेत्र में चीनी घुसपैठ के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर ताजा हमला करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने रविवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर एलएसी पर यथास्थिति बनाए रखने में विफल रहने का आरोप लगाया। वहीं इसका जवाब देते हुए बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस को न केवल भारतीय विदेश मंत्रालय बल्कि भारत सरकार और रक्षा मंत्रालय पर भी भरोसा नहीं है।
पीटीआई, नई दिल्ली। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, सरकार को चीन के साथ सीमा पर स्थिति पर देश को विश्वास में लेना चाहिए। उन्होंने इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट में सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जो क्षेत्र मई 2020 तक भारत के कब्जे में था, वहां चीन अपने सैन्य अड्डे कैसे स्थापित कर सकता है? खरगे ने एक मीडिया रिपोर्ट साझा की, जिसमें उपग्रह चित्रों का हवाला देते हुए दावा किया गया कि चीन की सेना पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के आसपास के क्षेत्र में लंबे समय से खुदाई कर रही है।
हथियारों और ईंधन को संग्रहीत करने के लिए भूमिगत बंकरों का निर्माण कर रही है। खरगे ने कहा कि हम गलवान पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए गए क्लीन चिट के पांचवें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं, जहां (गलवान) हमारे बहादुर सैनिकों ने अपने जीवन का बलिदान दिया था। चीन द्वारा हमारी क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करना जारी है।
How can China build a military base near Pangong Tso, on a land which was under Indian occupation, until May 2020?
Even as we enter the 5th year of the "CLEAN CHIT" given by PM @narendramodi on Galwan, where our brave soldiers sacrificed their lives, China continues to impinge… pic.twitter.com/Fe7T6iKIDF
मोदी सरकार पर लगाया आरोप
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा यह वह भूमि है जो भारतीय नियंत्रण में थी। उन्होंने आरोप लगाया कि एलएसी पर यथास्थिति कायम नहीं रखने के लिए केंद्र की मोदी सरकार जिम्मेदार है।
'कांग्रेस को भारत सरकार पर भरोसा नहीं'
भाजपा ने खरगे को जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस को न केवल भारतीय विदेश मंत्रालय बल्कि भारत सरकार और रक्षा मंत्रालय पर भी भरोसा नहीं है। वे विदेशी एजेंसियों पर भी अविश्वास करते हैं। ऐसा लगता है कि चीन के प्रति कांग्रेस की आत्मीयता लगातार मोदी के विरोध के रूप में प्रकट होती है। त्रिवेदी ने कहा कि गलवान संघर्ष के दौरान, जब हमारे 20 सैनिकों ने बलिदान दिया, चीन ने अपने हताहतों के आंकड़ों का खुलासा नहीं किया। विदेशी एजेंसियां 55 चीनी सैनिकों की मौत की सूचना दी थी। फिर भी, ये लोग (कांग्रेस) अपना भरोसा चीन पर रखते हैं।