महाराष्ट्र में BJP गठबंधन को कैसे मिली प्रचंड जीत, शरद पवार ने खुलकर बताई वजह; भतीजे अजित पर क्या बोले?
महाराष्ट्र के दिग्गज नेता शरद पवार ने पार्टी के अब तक के सबसे खराब प्रदर्शन पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने महायुति को मिली प्रचंड जीत के पीछे की वजह पर भी खुलकर बात की। शरद पवार ने यह भी माना है कि अजित की पार्टी ने उनकी पार्टी से बेहतर प्रदर्शन किया है। मगर यह भी कहने से नहीं चूके कि एनसीपी की स्थापना किसने की थी?
पीटीआई, मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद शरद पवार ने अपनी प्रतिक्रया दी। उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहे हैं। पार्टी को पुनर्जीवित करेंगे और जनता के बीच जाएंगे। शरद पवार ने महायुति को मिली प्रचंड जीत की वजह भी बताई। उन्होंने कहा कि लड़की बहन योजना, महिलाओं की बड़ी संख्या में मतदान में भागीदारी और धार्मिक ध्रुवीकरण ने महायुति की जीत में अहम भूमिका निभाई है।
विधानसभा चुनाव में अजित पवार की पार्टी एनसीपी को चाचा शरद पवार की पार्टी एनसीपी (एसपी) से चार गुना अधिक सीटें मिली हैं। सतारा जिले के कराड में शरद पवार ने माना कि अजित पवार की एनसीपी ने एनसीपी (शरदचंद्र पवार) से अधिक सीटों को जीतने में सफल रही। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि सबको पता है कि एनसीपी की स्थापना किसने की है। संन्यास के सवाल पर पवार ने कहा कि पार्टी के साथ बैठक में इस बारे में फैसला लेंगे।
कहा- ईवीएम पर नहीं बोलूंगा
शिवसेना नेता संजय राउत ने चुनाव परिणामों पर संदेह व्यक्त किया। मगर शरद पवार ने ईवीएम पर कोई आरोप नहीं लगाया। उन्होंने कहा कि ईवीएम पर तभी बोलेंगे जब हमारे पास आधिकारिक आंकड़े होंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व में नई ऊर्जा भरकर जनता के बीच जाएंगे। शरद पवार ने कहा कि महा विकास अघाड़ी गठबंधन ने बहुत मेहनत की। मगर परिणाम उम्मीदों के मुताबिक नहीं आए हैं। भले ही प्रचार के दौरान लोगों का सकारात्मक साथ मिला।
अजित के खिलाफ युगेंद्र को उतारना गलत नहीं
शरद पवार ने कहा कि बारामती विधानसभा सीट पर अजित पवार के खिलाफ अपने पोते युगेंद्र पवार को उतारना कोई गलत फैसला नहीं था। अगर युगेंद्र चुनाव नहीं लड़ता तो किसी न किसी को तो मैदान में उतरना पड़ता। बता दें कि बारामती से अजित पवार ने आठवीं बार चुनाव जीता है। उन्होंने अपने भतीजे युगेंद्र पवार को एक लाख से अधिक मतों के अंतर से शिकस्त दी है।शरद पवार ने देखी इतिहास की सबसे शर्मनाक हार
शरद पवार को अपने पूरे राजनीतिक जीवन में सबसे बुरी हार का सामना इस बार के विधानसभा चुनाव में करना पड़ा। उनकी पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (SP) को सिर्फ 10 सीटों पर जीत मिली है। इसके उलट बगावती भतीजे अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने 41 सीटों पर चुनाव जीता है।
उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना (यूबीटी) 20 सीटों पर जीतने में कामयाब रही। कांग्रेस को सिर्फ 16 सीटों पर सफलता मिली। महाविकास अघाड़ी को कुल 48 सीटों पर जीत मिली है। उधर, सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन ने प्रचंड जीत हासिल की। सबसे अधिक 132 सीटों पर भाजपा, 57 पर शिवसेना और 41 पर एनसीपी के प्रत्याशी जीते हैं।
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