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नए कानून बनाने के तरीकों पर पी चिदंबरम ने उठाए सवाल, कहा- पार्ट टाइम सदस्य...

देश में लागू नए आपराधिक कानूनों पर विपक्ष ने एक बार फिर सवालिया निशान लगाए हैं। कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने इन कानूनों को बनाने के तरीके पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसका मसौदा विधि आयोग की तरफ से तैयार किया जाना चाहिए था न कि पार्ट टाइम सदस्यों द्वारा। उप राष्ट्रपति ने चिदंबरम की इस टिप्पणी पर एतराज जताया है।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Sun, 07 Jul 2024 10:30 PM (IST)
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इससे पहले भी चिदंबरम ने आयोग के सदस्यों को लेकर इस तरह के सवाल उठाए थे। (File Photo)

पीटीआई, नई दिल्ली। नए आपराधिक कानूनों पर कांग्रेस नेता पी.चिदंबरम के 'पार्ट टाइमर' पर उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के कड़ी आपत्ति जताने के बाद रविवार को चिदंबरम ने नए कानून बनाने के तरीके पर कड़ा प्रहार किया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि ऐसे अहम बिल को विधि आयोग को मूर्त रूप देना चाहिए था, नाकि एक समिति के 'पार्ट टाइम' सदस्यों को इसका मसौदा तैयार करना चाहिए था।

चिदंबरम ने एक्स पर पोस्ट जारी करते हुए कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मई, 2020 में एक समिति का गठन किया था। आपराधिक कानूनों में सुधार के लिए इस समिति में एक अध्यक्ष, संयोजक और सदस्य थे। लेकिन एक को छोड़कर ज्यादातर सदस्य विभिन्न विश्वविद्यालयों के सेवारत प्रोफेसर थे। इनमें समिति में बतौर 'पार्ट टाइम' सदस्य के रूप में कार्य किया।

विधि आयोग को देना चाहिए था जिम्मा: चिदंबरम

कांग्रेस नेता ने कहा कि यह वही समिति है, जिसने तीन नए आपराधिक कानूनों का मसौदा पेश किया है। अंतत: संसद ने भी इन कानूनों को पारित कर दिया है। समिति के यह सदस्य समय-समय पर बदलते रहे और आखिर में समिति में एक संयोजक और केवल पांच सदस्य रह गए। पूर्व केंद्रीय मंत्री चिदंबरम ने कहा, 'मैं मानता हूं कि इतने महत्वपूर्ण बिल को विधि आयोग के जिम्मे करना चाहिए था और समिति के उन सदस्यों के हवाले नहीं जो अपनी अन्य जिम्मेदारियों को निभाते हुए बतौर पार्ट टाइम काम कर रहे हैं।'

उप राष्ट्रपति ने बताया था अपमानजनक टिप्पणी

उन्होंने यह टिप्पणी दोबारा की है, जबकि एक दिन पहले ही उप राष्ट्रपति धनखड़ उनकी इस टिप्पणी को अक्षम्य करार दिया था। साथ ही कांग्रेस सांसद से आग्रह किया था कि वह अपनी आपत्तिजनक, अपमानजनक और अवमानना वाली टिप्पणी को वापस लें। धनखड़ ने विगत शनिवार को कहा था कि एक प्रमुख अखबार में दिए इंटरव्यू में चिदंबरम के इन शब्दों को पढ़ा तो वह इतने स्तब्ध हुए जिसे शब्दों में बयान करना मुश्किल है। चिदंबरम ने इंटरव्यू में कहा था कि नए आपराधिक कानूनों को पार्ट टाइमरों ने बनाया है।