Punjab News: अकाली दल से निकाले गए बागी नेताओं के समर्थन में आए सुखदेव सिंह ढींडसा, अनुशासन कमेटी का फैसला किया रद
लोकसभा चुनाव में अकाली दल (SAD) को करारी हार मिली। जिसके बाद शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) के खिलाफ बगावत के सुर उठ खड़े हुए। पार्टी दो धड़ों में बंटती सी नजर आने लगी। बीते मंगलवार पार्टी की अनुशासन कमेटी ने पार्टी के आठ नेताओं को बाहर कर दिया। ये सभी सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ थे।
कैलाश नाथ, चंडीगढ़। हाल ही में पंजाब की क्षेत्रीय पार्टी शिरोमणि अकाली दल (SAD) की अनुशासन कमेटी ने बागी नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया। इस संदर्भ में बुधवार को पार्टी के सरपरस्त सुखदेव सिंह ढींडसा ने कमेटी के इस फैसले को रद कर दिया है।
ढींडसा ने कहा, यह कार्रवाई गैर-संवैधानिक है। यही नहीं ढींडसा ने पार्टी प्रधान पर सीधा हमला बोलते हुए कहा, जिस तरह के आरोप उन पर लगे हैं, सुखबीर बादल अब पार्टी के प्रधान पद पर बैठने के हकदार नहीं हैं।
सुखदेव ने कहा नया प्रधान चुनें पार्टी
सुखदेव ने कहा कहा, वह पार्टी को कहेंगे कि वह जल्द ही इजलास बुलाए नया प्रधान चुने। अहम बात यह हैं कि शिअद द्वारा 8 नेताओं पर अनुशासनहीनता की कार्रवाई करने के एक दिन बाद ही सुखदेव सिंह ढींडसा ने बागी गुट के साथ स्टेज साझा किया। ढींडसा ने तो यहां तक कहा कि सुखबीर बादल को कोई पसंद नहीं करता है। उन्हें प्रधान पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।पार्टी की कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जिन नेताओं को निकाला गया उसमें से किसी को भी नोटिस नहीं जारी किया गया। यह कार्रवाई असंवैधानिक है।यह भी पढ़ें- Video: 'हम कहां जाएं, किस कोर्ट जाएं, कौन से वकील करें...', अरविंद केजरीवाल के लिए मंच पर रो पड़े सीएम भगवंत मान
ढींडसा यही नहीं रुके उन्होंने कहा, टकसाली अकालियों की कुर्बानियां हैं। अकालियों ने जेल काटी और हरेक मोर्चे पर लड़ाई लड़ी। सुखबीर बादल की न तो कोई कुर्बानी है और न ही उन्होंने जेल काटी। इसके बावजूद आज वह प्रधान बने बैठे हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।