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मोबाइल बंद करने की गलती मत करना, सेवानिवृत्त लेक्चरर को 36 घंटे रखा डिजिटल अरेस्ट; ठगे 99.49 लाख

रुपनगर में एक सेवानिवृत्त महिला लेक्चरर को डिजिटल अरेस्ट के नाम पर 99.49 लाख रुपये का चूना लगाया गया। मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर ठगों ने महिला को डराया और उसके छह बैंक खातों से पैसे ट्रांसफर करवा लिए। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। साइबर क्राइम के शिकार होने पर तुरंत शिकायत दर्ज कराएं।

By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Sun, 24 Nov 2024 03:53 PM (IST)
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डिजिटल अरेस्ट कर सेवानिवृत्त लेक्चरर से ठगे 99.49 लाख।
संवाद सहयोगी, रूपनगर। मनी लांड्रिंग मामले में मुंबई में केस दर्ज होने की धमकी देकर सेवानिवृत्त महिला लेक्चरर को 36 घंटे डिजिटल अरेस्ट रखा और 99.49 लाख रुपये ठग लिए। पीड़िता ने बताया कि उसके मोबाइल फोन पर 18 नवंबर को वीडियो कॉल आई थी, जिसके माध्यम से उससे ठगी की गई।

उसने बताया कि उसके पति का निधन हो चुका है। बुजुर्ग महिला ने बताया कि कॉल करने वाले ने जब खुद को क्राइम ब्रांच मुंबई का अधिकारी बताया तो उसने वीडियो कॉल करने का कारण पूछा। फोन करने वाले ने चेतावनी दी कि फोन को बंद करने की गलती मत करना क्योंकि आपको डिजिटली अरेस्ट किया जा चुका है। आपके खिलाफ मनी लांड्रिंग का मामला क्राइम ब्रांच मुंबई में दर्ज किया गया है।

छह अकाउंट से मनी लांड्रिंग की जा रही

इसके बाद एक गवाह के रूप में किसी डीएचएल कंपनी के कर्मचारी का जिक्र करते हुए फोन करने वाले ने कहा कि अब आपके साथ हमारे वरिष्ठ अधिकारी बात करेंगे। पीड़िता के अनुसार वरिष्ठ अधिकारी उर्दू में बात कर रहा था। उसने मामला दर्ज करने की पुष्टि की।

उसने कहा कि आपके छह अकाउंट खुले हैं जिनके माध्यम से मनी लांड्रिंग की जा रही है। उसने धमकाया कि इस मामले की आरबीआई द्वारा भी जांच की जा रही है। डीजी क्राइम मुंबई के आफिस का सीन किया रीक्रिएट, अंग्रेजी में कर रहे थे बात महिला के अनुसार वह काफी डर गई थी। 

जबकि इसी बीच काल पर कोई अन्य व्यक्ति आ गया जिसने अपना नाम बाल सिंह राजपूत बताया और कहा कि वो डीजी क्राइम मुंबई है जबकि उसकी कुर्सी के पीछे क्राइम ब्रांच का लोगो भी दिखाई दे रहा था। व्यक्ति ज्यादातर अंग्रेजी में बातचीत कर रहा था और डिजिटल अरेस्ट के वारंट भी दिखाए।

ठगों ने रातभर महिला को कॉल पर रखा। सुबह होते ही बैंक जाकर यह कहते हुए पैसा ट्रांसफर करने को कहा कि आरबीआई की जांच में अगर आप मनी लांड्रिंग में संलिप्त नहीं पाए जाते तो आपका सारा पैसा वापस मिल जाएगा, अन्यथा ट्रायल फेस करने के लिए तैयार रहें।

मामला दर्ज कर जांच शुरू

पीड़िता ने बताया कि वह बहुत डर गई। उसे डिजिटल अरेस्ट ऑर्डर भेजते हुए उससे 99 लाख 49 हजार रुपये ट्रांसफर करवाए गए। पैसा ट्रांसफर होने के साथ उसे डिजिटली अरेस्ट से मुक्त किया।

महिला ने बताया कि ठगी के बारे में पता चलते ही रूपनगर के थाना साइबर क्राइम में शिकायत दर्ज करवाई। इंस्पेक्टर रजनीश कुमार ने बताया कि 22 नवंबर को मामला दर्ज करते हुए केस की जांच शुरू कर दी है।

ठगी पर यहां करें शिकायत

यदि कोई व्यक्ति साइबर क्राइम का शिकार हो जाता है, तो उसे तुरंत अपराध दर्ज कराना चाहिए। शिकायत दर्ज कर त्वरित एक्शन लेकर, यदि वित्तीय अपराध हुआ है, तो आपके पैसे वापस कराने आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

कोई भी www.cybercrime.gov.in पर या 1930 पर काल कर धोखाधड़ी या अपराध को दर्ज करा सकता है। सबसे आवश्यक है कि अपराध को जल्द से जल्द दर्ज कराया जाए, जिससे अपराधी को पकड़ने में सहूलियत और कम समय लगता है।

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