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Mohali Protest: मोहाली में पुलिस का नहीं चला जोर, 2023 के जनवरी से कौमी इंसाफ मोर्चा कर रहा धरना प्रदर्शन

मोहाली में साल 2023 के जनवरी महीने से ही इंसाफ और न्याय को लेकर रोष धरने और प्रदर्शन शुरु हो गए थे जो साल के अंत तक आज भी चल रहे है। रोष धरनों के कारण पुलिस के नाक में दम रहा और सुबह से शाम तक पुलिस के जवान इन प्रदर्शनों को रोकने के लिए सड़कों पर डटे रहे।

By Jagran News Edited By: Nidhi Vinodiya Updated: Mon, 25 Dec 2023 03:54 PM (IST)
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2023 के जनवरी से कौमी इंसाफ मोर्चा कर रहा धरना प्रदर्शन
लखवंत सिंह, मोहाली। मोहाली में साल 2023 के जनवरी महीने से ही इंसाफ और न्याय को लेकर रोष धरने और प्रदर्शन शुरु हो गए थे जो साल के अंत तक आज भी चल रहे है। रोष धरनों के कारण पुलिस के नाक में दम रहा और सुबह से शाम तक पुलिस के जवान इन प्रदर्शनों को रोकने के लिए सड़कों पर डटे रहे। 

10 किमी लंबा मोर्चा निकाला गया

साल 2023 के पहले महीने से ही कौमी इंसाफ मोर्चा की ओर से बेअदबी के इंसाफ के लिए मोहाली-चंडीगढ़ के बार्डर पर जोरदार धरना शुरु किया गया था। जो आज के दिन तक लग रहा है लेकिन अब थोड़ा सिमट गया है। इंसाफ मोर्चा में पहले नरमी दिखाई जाती रही, लेकिन जब 40 सिखों का जत्था मोहाली से चंडीगढ़ की ओर जाने लगा तो उन्हें चंडीगढ़ में प्रवेश पर रोका गया, जिसके बाद निहंग जत्थेबंदियां व संगत ने रौद्र रूप दिखाते हुए पुलिस के वाहनों और पुलिस वालों पर हमला कर दिया। जिसके बाद कई दिनों तक मोहाली का वाईपीएस चौक चर्चा का विषय बना रहा। 26 जनवरी को सरकार को जगाने के लिए मोर्चा की ओर से करीब 10 किलोमीटर लंबा मार्च निकाला गया था।

मोहाली में इतने लगे धरने

  • जनवरी महीने में ही 168 डीपीआई प्रत्याशियों की ओर से अपनी मांगों को लेकर सोहाना की पानी टंकी पर 17 दिनों तक धरना दिया गया। इन प्रत्याशियों ने सोहाना की ओर से गुजरने वाली एयरपोर्ट की मुख्य सड़क को भी कई दिनों तक जाम रखा।  
  • कांग्रेस वर्करों की ओर से सेक्टर-68 में एसबीआई दफ्तर के सामने केंद्र सरकार और अडानी को लेकर प्रदर्शन किया गया था। जिसमें सरकार की ओर से एक व्यक्ति को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया गया था। 
  • वेरका मिल्क प्लांट के कर्मचारियों की ओर से अपनी मांगों को लेकर मार्च में गेट रैली कर प्रदर्शन किया था। 
  • मार्च में खेत मजदूरों की ओर से अपनी मांगों को लेकर गुरुद्वारा अंब साहिब के पास धरना दिया गया। जिसके बाद वे जब विधानसभा की ओर कूच करने लगे तो पुलिस के साथ भिड़ंत हो गई। जिसमें पुलिस और खेत-मजदूरों में धक्का मुक्की हुई। 
  • मार्च में जब भाई अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार किया गया तो उनकी हिमाकत में आए कई दलों की ओर से सोहाना के एयरपोर्ट रोड पर टेंट लगाकर विरोध जताया गया। कई दिनों तक यह विरोध चला जिसके बाद पुलिस ने बल का प्रयोग करते हुए यहां जमे निहंग सिंहों व अन्य संगत को हटा दिया था। जिससे स्थिति काफी नाजुक हो गई थी। इस दौरान इंटरनेट सेवा को बंद किया गया था। 
  • गमाडा दफ्तर के बाहर दंगा पीड़ितों ने रोष प्रदर्शन कर नाराजगी दिखाई। उनका कहना था कि दंगा पीड़ितों के नाम पर गमाडा के अफसरों ने नाजायज कब्जे करवाए है और कई प्लाटों पर कब्जा किया हुआ है। 
  • किसानों की ओर से 12 अप्रैल को बेमौसमी बारिश के चलते किसानों के हुए  नुकसान की भरपाई को लेकर गुरुद्वारा अंब साहिब के बाहर प्रदर्शन किया गया। किसानों ने कहा था कि सरकार मुआवजे के नाम पर केवल घोषणा कर रही है लेकिन कोई भी मुआवजा उनके पास नहीं पहुंच रहा।
  • यूथ आफ पंजाब के सदस्यों की ओर से मई महीने में पहलवानों के समर्थन में रोष प्रदर्शन किया था। सोहाना के गुरुद्वारा के पास किए गए इस प्रदर्शन में काफी संख्या में नौजवानों ने हिस्सा लिया था। 
  • अत्याचार व भ्रष्टाचार विरोधी मोर्चा की ओर से एसएसपी कार्यालय का घेराव किया गया था। जिसमें सदस्यों की ओर से उन्हें कई मामलों में इंसाफ की मांग की गई थी।
  • मई माह में कोरोना काल में जान हथेली पर रख कर मरीजों की सेवा करने वाले पुलिस वालंटियर्स की ओर से रेगुलर किए जाने को लेकर प्रदर्शन किया गया था।
  • भारतीय किसान यूनियन (एकता-उगराहां ) की ओर से पहलवानों के समर्थन में प्रदर्शन किया गया था जिसमें काफी संख्या में महिलाऐं पहुंची और गवर्नर हाउस की तरफ कूच किया था। पुलिस ने उन्हें बुड़ैल जेल के पास रोक लिया था।
  • इसी तरह शहर में कई अन्य प्रकार के रोष प्रदर्शन होते रहे। नवंबर में किसानों ने अपनी मांगों को लेकर मोहाली-चंडीगढ़ बार्डर पर तीन दिनों तक रोष प्रदर्शन किया था।
  • भारतीय किसान यूनियन की ओर से 18 जनवरी से चंडीगढ़ में अपनी मांगों को लेकर पक्का मोर्चा लगाने की घोषणा की गई है।

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