सड़क सुरक्षा फोर्स: 90 फीसदी ब्लैक स्पाट को किया खत्म तभी सड़क दुर्घटनाओं में आई 25 फीसदी की कमी
पंजाब सरकार ने सबसे पहले सड़क दुर्घटनाओं वाले ब्लैक स्टाप को चिन्हित किया। जिसकी संख्या 1200 के करीब थी। जिसके बाद सरकार ने इन ब्लैक स्पाटों की तकनीकी खामियों को कैसे दूर किया जाए इस दिशा में काम किया। कई ऐसे ब्लैक स्पाट थे जहां पर गंभीर तकनीकी खामियां थी। एक तरफ पंजाब सरकार ने ब्लैक स्पाट की तकनीकी खामियों को दूर किया।
डिजिटल टीम, चंडीगढ़। पंजाब में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बनाई गई सड़क सुरक्षा फोर्स की कामयाबी का असर दिखना शुरू हो गया है। एक तरफ सड़क दुर्घटनाओं में 25 फीसदी की कमी आई है। दूसरी तरफ पंजाब में चिन्हित किए गए 1200 ब्लैक स्पाट जोकि सड़क दुर्घटनाओं को बढ़ावा दे रहे थे, उसमें से 90 फीसदी ब्लैक स्टाप की तकनीकी खामियों को दूर कर दिया गया है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई वाली पंजाब सरकार चरणबद्ध तरीके से सड़क दुर्घटनाओं को कम करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
पंजाब सरकार ने सबसे पहले सड़क दुर्घटनाओं वाले ब्लैक स्टाप को चिन्हित किया। जिसकी संख्या 1200 के करीब थी। जिसके बाद सरकार ने इन ब्लैक स्पाटों की तकनीकी खामियों को कैसे दूर किया जाए, इस दिशा में काम किया। कई ऐसे ब्लैक स्पाट थे जहां पर गंभीर तकनीकी खामियां थी। एक तरफ पंजाब सरकार ने ब्लैक स्पाट की तकनीकी खामियों को दूर किया। इस लक्ष्य को पाना इतना आसान नहीं था। क्योंकि ब्लैक स्पाट नेशनल हाई-वे पर भी थे। जिसमें विभिन्न प्रकार की तकनीकी खामियां भी थी। जिसे पूरे योजनाबद्ध तरीके से दूर किया गया।
ब्लैक स्पाट ठीक करने से कम हो रहीं दुर्घटनाएं
पंजाब अभी तक 1000 से अधिक ब्लैक स्पाटों की खामियों को दूर कर चुकी है। एक तरफ मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने ब्लैक स्पाट की खामियों को दूर किया। दूसरी तरफ सड़क सुरक्षा फोर्स का गठन किया। सड़क सुरक्षा फोर्स के ट्रेंड मुलाजिम सड़क दुर्घटना होने पर लोगों की जान बचाने के लिए पूर्ण रूप से सक्षम हैं। सड़क सुरक्षा फोर्स 5500 किलोमीटर राज्य व राष्ट्रीय मार्गों पर 144 अति आधुनिक वाहनों से लैस है। जोकि सड़क दुर्घटना होने की सूरत में 15 मिनट में घटनास्थल पर पहुंच जाती है। सड़क सुरक्षा फोर्स के मुलाजिमों को इसी की ट्रेनिंग की गई हैं कि दुर्घटना में घायल व्यक्ति को गोल्डन आवर (जीवन बचाने के लिए सबसे कम समय) में कैसे ट्रीट किया जाए और उसे तुरंत नजदीक के अस्पताल में पहुंचाया जाए।इसी के साथ पंजाब सरकार ने फरिश्ते योजना की भी शुरूआत की है। जिसके जरिए आम लोगों को घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए प्रोत्साहित करना है। क्योंकि सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को राहगीर केवल इसलिए अस्पताल नहीं पहुंचाते क्योंकि वह पुलिस की पेंचीदगियों में नहीं पड़ना चाहते। पंजाब सरकार न सिर्फ सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति को फरिश्ता मानती हैं बल्कि उसे नकद पुरस्कार के साथ-साथ पुलिस की पेंचीदगियों से भी मुक्त रखती है।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि अगर आपको बड़ा लक्ष्य प्राप्त करना हैं तो छोटे-छोटे प्रयास करने ही होंगे। एक तरफ सरकार ब्लैक स्पाट को चिन्हित कर वहां की खामियों को दूर कर रही है और दूसरी तरफ सड़क सुरक्षा फोर्स घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाने में मदद कर रही है। आम लोग भी इस अभियान से जुड़े इसके लिए फरिश्ते योजना चलाई जा रही है। इन सारे प्रयासों के साथ ही हम सड़क दुर्घटनाओं में 25 फीसदी की कमी ला पाए हैं। हमारा लक्ष्य इसे 50 फीसदी पर लेकर जाने का है।
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