रॉयल एंपायर के मालिक प्रिंस गर्ग गिरफ्तार, 6 महीने पहले उपभोक्ता आयोग ने घोषित किया था भगोड़ा
चंडीगढ़ पुलिस ने रॉयल एंपायर के मालिक प्रिंस गर्ग को गिरफ्तार किया है। उन्हें 6 महीने पहले उपभोक्ता आयोग ने भगोड़ा घोषित किया था। आयोग ने एक ग्राहक के फ्लैट का कब्जा देने और हर्जाना भरने के निर्देश दिए थे लेकिन कंपनी के मालिक फरार हो गए थे। अब प्रिंस गर्ग को गिरफ्तार कर लिया गया है लेकिन उनके पिता जीवन गर्ग अभी भी फरार हैं।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। जीरकपुर स्थित रियल एस्टेट कंपनी रॉयल एंपायर के मालिक प्रिंस गर्ग को मंगलवार को चंडीगढ़ पुलिस के पीओ सेल ने गिरफ्तार कर लिया। प्रिंस गर्ग को 6 महीने पहले चंडीगढ़ उपभोक्ता आयोग ने भगोड़ा करार दिया था।
आयोग ने शर्तों के साथ दे दी जमानत
14 साल पुराने एक मामले में आयोग ने रॉयल एंपायर कंपनी को ग्राहक के फ्लैट का कब्जा देने और 50 हजार रुपये हर्जाना भरने के निर्देश दिए थे, लेकिन इस फैसले को मानने की बजाय कंपनी के मालिक जीवन गर्ग और उसका बेटा प्रिंस गर्ग फरार हो गए, जिसके बाद आयोग ने उन्हें भगोड़ा करार कर दिया। इनमें से प्रिंस तो अब पकड़ा गया जबकि पिता जीवन गर्ग अभी भी गिरफ्तार नहीं हुआ है।
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मंगलवार को पुलिस ने प्रिंस गर्ग को उपभोक्ता आयोग में पेश किया। हालांकि, आयोग ने कुछ शर्तों के साथ उसे जमानत दे दी। आयोग ने आरोपित को 4 महीने के भीतर ग्राहक को उसकी बकाया राशि अदा करने के निर्देश दिए।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, सेक्टर-28 के रहने वाले सूरज ढाका ने कंपनी के खिलाफ केस दायर किया था। उनका केस लड़ने वाले एडवोकेट राकेश बजाज ने बताया कि ढाका ने 2010 में आरोपित कंपनी से 14 लाख रुपये का एक फ्लैट खरीदा था। कंपनी के साथ उनका अनुबंध हुआ, जिसके तहत कंपनी को 18 से 21 महीने के बीच फ्लैट का कब्जा देना था, लेकिन कंपनी ने उन्हें आज तक कब्जा नहीं दिया।आयोग ने तीन साल पहले शिकायतकर्ता के हक में फैसला सुनाया और कंपनी को फ्लैट का कब्जा देने के निर्देश दिए। इसके अलावा कंपनी पर 50 हजार रुपये हर्जाना लगाया और 11 हजार रुपये मुकदमा खर्च अदा करने को भी कहा।
वहीं, कंपनी को 2012 से लेकर फ्लैट का कब्जा देने तक हर महीने 6300 रुपये बतौर मुआवजा अदा करने के लिए कहा गया, जिस पर 6 प्रतिशत ब्याज भी कंपनी को देना था। ये रकम लाखों में बनती थी। लेकिन कंपनी ने आयोग के फैसले को नहीं माना।
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