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Punjab News: सड़क हादसों में घायलों के लिए फरिश्ते बनी SSF टीम, फाजिल्का में पांच महीने में 280 लोगों की बचाई जान

पंजाब में सड़क सुरक्षा फोर्स (SSF) दुर्घटना की चपेट में आए लोगों की मदद करने के लिए तत्पर रहती है। प्रदेश के फाजिल्का जिले में देखा जाए तो सड़कों पर होने वाले (Punjab News) हादसों में हर वर्ष 200 से 300 लोग जख्मी होते हैं। ऐसे में घायलों की जान बचाने में एसएसएफ की टीम ने बड़ी भूमिका अदा की है।

By mohit Kumar Edited By: Prince Sharma Updated: Sat, 20 Jul 2024 04:17 PM (IST)
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पांच महीने में 393 सड़क हादसे, 280 को मिला इलाज (एसएसएफ की टीम)

मोहित गिल्होत्रा, फाजिल्का। जिले की सड़कों पर होने वाले सड़क हादसों में हर वर्ष 200 से 300 लोग जख्मों का तांव सहते हैं, जिनमें 100 के करीब ऐसे लोग होते हैं जिन्हें समय पर प्राथमिक सहायता व उपचार न मिलने के कारण वह सड़क पर ही दम तोड़ देते हैं।

ऐसे में पंजाब सरकार द्वारा सड़कों पर उतारी गई एसएसएफ टीम घायलों के लिए फरिशता साबित हो रही है। यह टीम न केवल घायलों की मदद कर रही है बल्कि सड़कों पर खराब होने वाले वाहनों और उनसे होने वाले हादसों को भी बचाने में अहम भूमिका अदा कर रही है।

फाजिल्का जिले में इसकी शुरुआत फरवरी माह में हुई, जबकि 12 फरवरी से लेकर 18 जुलाई तक बनते 157 दिनों में एसएसएफ की टीमें 393 सड़क हादसों के समय मौके पर पहुंची।

इनमें 73 के करीब लोगों को चोटें आने पर मौके पर ही इलाज दिया गया, जबकि गंभीर हालत वाले 207 लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पतालों में पहुंचाकर उनके जीवन की डोर बांधे रखने का प्रयास किया गया।

इन जगहों पर चिन्हित किये गए ब्लैक स्पॉट

जिले के दो पुराने ब्लैक स्पॉटों की बात करें तो उनमें मूलियांवाली ओर मंडी लाधुका का बस स्टैंड शामिल है। जबकि नए ब्लैक स्पॉटों में बीएसएफ कैंपस रामपुरा, किल्लियां वाली, जलालाबाद शहर में रिलाएंस पैट्रोल पंप, गांव लमोचड़ कलां, गांव थारा सिंह वाला, टी प्वाइंट मोहर सिंह वाला व ढिप्पावाली शामिल हैं।

ब्लैक स्पॉट पर वर्ष 2019 में 14, 2020 में 16, वर्ष 2021 में 17 हादसे हो चुके हैं। जिसके चलते अब इन जगहों पर हादसों को रोकने के लिए प्रयास किए जाएंगे।

पहला एक घंटा अहम

हादसे के बाद मदद मिल जाए तो जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करने वाले घायलों की जान बचाई जा सकती है। हादसे के बाद के पहले एक घंटे को गोल्डन ऑवर कहा जाता है।

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लेकिन हादसे के बाद घायलों को सरकारी अस्पताल में लाने और इसके बाद कानूनी झंझटों के कारण कई लोग हादसे को देखकर भी मदद से परहेज करते हैं।

हालांकि, इसके लिए पंजाब सरकार ने फरिशते योजना भी शुरू की, लेकिन अभी भी लोग हादसा होने के बाद भीड़ के रूप में एकत्रित हो रहे हैं, जबकि घायलों की मदद करना जरूरी नहीं समझ रहे। ऐसे में इनके लिए एसएसएफ टीम की फरिशते टीम साबित हो रही है।

यातायात को सुव्यवस्थित करने और सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सड़क सुरक्षा बल (एसएसएफ) को तैनात किया गया है। इस सड़क सुरक्षा बल को पुलिस बल को विशेष वाहनों और उपकरणों से लैस करके और उन्हें एक अलग पहचान देकर मुख्य मार्गों पर तैनात किया गया है।

ये वाहन जिला फाजिल्का के मुख्य मार्गों जैसे फाजिल्का से अमीरखास, फाजिल्का से अरनीवाला, फाजिल्का से अबोहर, फाजिल्का से सादकी बॉर्डर, अबोहर से मलोट वाया सीतोगुनो और अबोहर से श्री गंगानगर रोड पर 24 घंटे तैनात हैं, ताकि यातायात सुचारू रहे ताकि ट्रैफिक को सुचारू रूप से चलाया जा सकता है।

-एसएसपी डॉ. प्रज्ञा जैन

ऐसे बच सकती है जान

  • हादसे के तुरंत बाद डायल करें 112, पहुंचेगी एसएसएफ
  • 48 कांस्टेबल व लेडी कांस्टेबल 24 घंटे रहते हैं तैनात
  • 6 भागों में जिले को बांटकर दी जा रही सहायता
  • एसएसएफ की निगरानी के लिए 12 इंचार्ज तैनात
  • टीम के पास 5 लग्जरी गाड़ियां, चार टयोट व एक स्कोर्पियो-एन
  • टीम के साथ रहते हैं मैकेनिकल इंजीनियर, सिविल इंजीनियर व आईटी माहिर

ब्लैक स्पॉट पर हादसे

  • 2019: 14
  • 2020: 16
  • 2021: 17
  • 2022: 18
  • 2023: 17
  • 2024: 09
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