Move to Jagran APP

सरकार की डोर स्टेप योजना डगमगाई, जरूरी दस्तावेज न लगे होने से विभागीय कर्मचारी परेशान, फाइलों पर लगे आब्जेक्शन

लोगों को उनके घर पर ही विभिन्न सरकारी सेवाएं मुहैया कराने के मकसद से सरकार द्वारा शुरू की डोर स्टेप योजना दफ्तरी कर्मचारियों के लिए सिरदर्द बनी हुई है। दस्तावेज पूरे न होने के कारण लोगों की फाइलें विभागों में पेंडिंग होती जा रही है। देखा जाए तो तहसील दफ्तर में ऐसी एक सौ से अधिक फाइलें पेंडिंग हो चुकी है।

By Balwinderpal Singh Edited By: Nidhi Vinodiya Updated: Sun, 14 Jan 2024 01:02 AM (IST)
Hero Image
सरकार की डोर स्टेप योजना डगमगाई, जरूरी दस्तावेज न लगे होने से विभागीय कर्मचारी परेशान
बलविंदर पाल सिंह, पटियाला। लोगों को उनके घर पर ही विभिन्न सरकारी सेवाएं मुहैया कराने के मकसद से सरकार द्वारा शुरू की डोर स्टेप योजना दफ्तरी कर्मचारियों के लिए सिरदर्द बनी हुई है। दस्तावेज पूरे न होने के कारण लोगों की फाइलें विभागों में पेंडिंग होती जा रही है। देखा जाए तो तहसील दफ्तर में ऐसी एक सौ से अधिक फाइलें पेंडिंग हो चुकी है। दस्तावेजों की कमी होने के चलते विभागीय कर्मचारियों ने इन फाइलों को अप्रूव करने से इनकार कर दिया है। जिसके चलते रोजाना विभाग में फाइलों की संख्या बढ़ती जा रही है।

पटवारी व कानूनगो की रिपोर्ट के बिना ऑनलाइन अप्लाई हो रहे आवेदन

सरकार की डोर स्टेप योजना के तहत रखे कर्मचारी लोगों के घर पहुंचकर ऑनलाइन आवेदन अप्लाई कर रहे है। पर इन आवेदनों के साथ सरकारी नियमों तहत जरूरी दस्तावेज नहीं लगाए जा रहे। जैसे कि जाति सर्टिफिकेट, आमदन सर्टिफिकेट, रेजिडेंट सर्टिफिकेट, ओबीसी, बीसी सर्टिफिकेट अप्लाई करने के दौरान इनके साथ पटवारी या कानूनगो की रिपोर्ट लगती है। इसी तरह जाति सर्टिफिकेट के साथ पिता का जाति सर्टिफिकेट की फोटो काफी लगाई जाती है। पर कर्मचारी बिना इन रिपोर्ट या फिर जरूरी दस्तावेज के ही लोगों का आवेदन अप्लाई कर रहे है। आवेदनों में सिर्फ लोगों का आधार कार्ड अटैच किया गया है। जरूरी दस्तावेज अटैच न होने के कारण यह आवेदन विभागीय कर्मचारियों लिए परेशानी बने हुए है।

डीसी ने मीटिंग में अधिकारियों से मांगे सुझाव

सरकार की डोर स्टेप योजना को पुख्ता ढंग से लागू करने के लिए डीसी साक्षी साहनी ने बीते बुधवार को विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारियों के साथ मीटिंग की। अधिकारियों ने इस योजना में विभिन्न खामियां डीसी के सामने रखी। इन कमियों को दूर करने व इस योजना को सही ढंग से लागू करने के लिए डीसी ने विभागीय अधिकारियों से सुझाव मांगे हैं। जानकारी यह भी बताते है कि जिन जरूरी दस्तावेजों को आवेदनों के साथ अटैच नहीं किया जा रहा, का मामला भी डीसी ने सरकार के पास उठाकर उसे हल कराने की बात कही है। मीटिंग में यह भी कहा गया है कि आवेदनों पर ऑब्जेक्शन कम से कम लगाए जाए और पेंडेंसी को जल्द क्लियर किया जाए।

योजना की खामियों पर डीसी का गोलमोल जवाब

भगवंत मान सरकार आपके द्वार योजना को लेकर कर्मचारियों को आ रही परेशानी के मामले पर डीसी का गोलमोल जवाब रहा। मीटिंग संबंधी जानकारी देते डीसी ने कहा कि डिलीवरी व दफ्तरी कर्मचारियों को बताया गया है कि इस योजना पर किसी प्रकार काम करना है। डीसी ने कहा कि इस योजना को सही ढंग से लागू करने को कर्मचारियों को निर्देश दिए गए है ताकि लोगों को इसका लाभ मिल सके।

सेवा केंद्र से फार्म लेकर भरने की बात कह रहे कर्मचारी

भादसों निवासी अवतार सिंह ने बताया कि बच्चे जन्म सर्टिफिकेट बनाने के लिए हेल्पलाइन 1076 पर फोन किया तो संबंधित कर्मचारी ने सेवा केंद्र से फार्म लेकर उसे भरकर सरपंच के हस्ताक्षर लगाकर दोबारा उसी नंबर पर फोन करने की बात कही। कर्मचारी का कहना था कि जब यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद एक कर्मचारी आपके घर पहुंचकर दस्तावेज लेकर सर्टिफिकेट अप्लाई करेगा। अवतार ने कहा कि अगर खुद मैने सेवा केंद्र से फार्म लेने जाना है तो मैं फार्म भरकर सेवा केंद्र में जमा करवा सकता हूं। फिर सरकार की डोर स्टेप योजना का का क्या मकसद रहा।

जाति सर्टिफिकेट अप्लाई किया था, पर अब तक नहीं मिला है। जब कर्मचारियों से पूछते हैं तो कहा जाता है कि काम के प्रति प्रोसेस चल रहा है। सुविधा अच्छी है, पर सही ढंग से लागू नहीं की गई, जिसके चलते परेशानी हो रही है। सरकार को चाहिए कि पुख्ता ढंग से योजना को लागू करे।

गुरतेज सिंह

योजना के प्रोसेस में जरूरी दस्तावेज नहीं लग रहे-पवनदीप

नायब तहसीलदार पवनदीप सिंह ने सरकार द्वारा योजना लोगों की सुविधा के लिए शुरू की गई है। उन्होंने बताया कि योजना के तहत अगर किसी व्यक्ति को किसी विभाग से संबंधित सुविधा का लाभ लेना होता है तो वह हेल्पलाइन नंबर 1076 पर फोन करेगा। जिसके बाद संबंधित कर्मचारी व्यक्ति के घर पहुंचकर उसके दस्तावेज संबंधित सुविधा के तहत ऑनलाइन आवेदन करेगा। उन्होंने कहा कि जो कर्मचारी ऑनलाइन आवेदन करता है, वह विभागीय नियमानुसार जरूरी दस्तावेज आवेदन के साथ नहीं लगा रहा।

जैसे के पटवारी व कानूनगो की रिपोर्ट और इलाके के कौंसलर या फिर गांव का सरपंच की रिपोर्ट। जबकि इन व्यक्तियों की रिपोर्ट के बिना किसी भी प्रकार का सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जा सकता। यही वजह है कि आवेदनों पर अब्जेक्शन लग रही है। इस मामले को डिप्टी कमिश्नर के पास उठाया जा चुका है, उम्मीद है कि जल्द हल होगा।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।