Nirjala Ekadashi 2024: सबसे महत्वपूर्ण मानी गई है निर्जला एकादशी, तुलसी के ये उपाय करेंगे भाग्य में वृद्धि
हर माह में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी पर व्रत किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी का विशेष रूप से प्रयोग किया जाता है जिससे प्रभु श्री हरि प्रसन्न होते हैं। ऐसे में यदि आप निर्जला एकादशी तिथि पर तुलसी से जुड़े कुछ खास नियमों का ध्यान रखते हैं तो इससे आपको सुख-समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि का विषय महत्व माना गया है। हर माह में 2 बार एकादशी का व्रत किया जाता है, इस प्रकार साल में 24 एकादशी मनाई जाती हैं। लेकिन ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली निर्जला एकादशी का सबसे अधिक महत्व दिया गया है। इसे भीमसेनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। ऐसे में आप इस विशेष दिन पर तुलसी के कुछ उपाय द्वारा श्री हरि की कृपा प्राप्त कर सकते हैं
निर्जला एकादशी का शुभ मुहूर्त (Ekadashi Shubh Muhurat)
ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी 17 जून को प्रातः 04 बजकर 43 मिनट पर प्रारंभ हो रही है। वहीं, इस तिथि का समापन 18 जून को मध्य सुबह 06 बजकर 24 मिनट पर होने जा रहा है। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, निर्जला एकादशी का व्रत 18 जून, मंगलवार के दिन किया जाएगा।
इस तरह करें विष्णु जी की पूजा
निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा के दौरान चरणामृत तैयार करें और इसमें तुलसी का पत्ता डाल दें। इसके बाद भगवान विष्णु को इसका भोग लगाकर इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करें। ऐसा करने से साधक को विष्णु जी की असीम कृपा प्राप्त होती है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि तुलसी के पत्ते एकादशी के दिन नहीं उतारने चाहिए, इसलिए इन्हें एक दिन पहले ही तुलसी के पत्ते उतार कर रख लें।दांपत्य जीवन होगा खुशहाल
निर्जला या भीमसेनी एकादशी पर तुलसी माता को लाल चुनरी जरूर अर्पित करें। ऐसा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं, जिससे आर्थिक समस्याएं दूर होने लगती हैं। साथ ही इस उपाय से दांपत्य जीवन में भी प्रेम बना रहता है।यह भी पढ़ें - Tulsi Ke Upay: जरूर करें तुलसी के ये उपाय, धन से लेकर अन्न तक, नहीं होगी किसी चीज की कमी
दूर होंगी समस्याएं
निर्जला एकादशी व्रत पर तुलसी जी की 11 बार परिक्रमा जरूर करें। इस दौरान महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते मंत्र का जाप करते रहें। शाम के समय तुलसी पर घी का दीपक जलाएं और तुलसी माता से सुख-शांति की कामना करें। ऐसा करने से पारिवारिक समस्याएं दूर हो जाती है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।