Move to Jagran APP

Diwali 2024: दीपोत्सव पर मां लक्ष्मी के इन मंदिरों के जरूर करें दर्शन, भरपूर मिलेगी कृपा

हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी को धन की देवी के रूप में पूजा जाता है। भारत में मां लक्ष्मी के कई प्रसिद्ध मंदिर (Maa Laxmi Temples in India) विराजमान हैं जिनके दर्शन मात्र से ही साधक की मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं। ऐसे में आप दिवाली के इस खास मौके पर इन मंदिरों के दर्शन का लाभ उठा सकते हैं।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Thu, 17 Oct 2024 04:32 PM (IST)
Hero Image
Diwali 2024 दिवाली पर करें इन मंदिरों का दर्शन
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। दीपावली के शुभ अवसर पर मां लक्ष्मी की पूजा आवश्यक रूप से की जाती है। ऐसे माना जाता है कि दीवाली के दिन मां लक्ष्मी का घर आगमन होता है। ऐसे में आप इस खास मौके पर भारत के प्रसिद्ध लक्ष्मी मंदिरों (Visit Maa Laxmi Temples Diwali 2024) का दर्शन कर सकते हैं।

मां लक्ष्मी पद्मावती, तिरुपति

आंध्रप्रदेश के तिरुपति में स्थित महालक्ष्मी का पद्मावती मंदिर, एकमात्र मंदिर है, जहां मां लक्ष्मी, भगवान विष्णु और सूर्य एक साथ निवास करते हैं। तिरुपति बालाजी मंदिर आने वाले भक्त पहले पद्मावती मंदिर के दर्शन करते हैं, क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि मां लक्ष्मी ही भक्तों की प्रार्थना  भगवान वेंकटेश्वर तक पहुंचाते हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान वेंकटेश्वर द्वारा बनाए गए सरोवर में खिले स्वर्णिम कमल द्वारा मां लक्ष्मी की उत्पत्ति हुई थी। कमल (पद्म) से उत्पत्ति के कारण ही वजह इन देवी को लक्ष्मी पद्मावती कहा जाता है। इस स्थान पर दिवाली (Diwali 2024) पर अलग ही रौनक देखने को मिल सकती है और लाखों भक्तों की भीड़ यहां जुटती है।

कहलाता है दक्षिण का स्वर्ण मंदिर

तमिलनाडु के वेल्लोर में भी मां लक्ष्‍मी का एक भव्य मंदिर स्थापित है, जिसे श्रीपुरम महालक्ष्मी स्वर्ण मंदिर के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर को दक्षिण का स्वर्ण मंदिर भी कहा जाता है, क्योंकि इस मंदिर को लगभग 1500 किलो शुद्ध सोने से तैयार किया गया है। दुनिया में इतना सोना किसी मंदिर में नहीं लगा है। दिवाली के मौके पर इस मंदिर की शोभा और भी बढ़ जाती है। रोशनी में जगमगाते हुए इस मंदिर को देखने का अनुभव बहुत ही अद्भुत होता है।

मां कामाक्षी, कांचीपुरम

मां कामाक्षी मंदिर, भारत के 51 शक्तिपीठों में शामिल है। मंदिर के गर्भगृह में त्रिपुर सुंदरी की प्रतिमूर्ति कामाक्षी देवी की सुंदर प्रतिमा स्थापित है। यह देवी का एकमात्र ऐसी शक्तिपीठ है, जिसमें कामाक्षी मां के एक नेत्र में लक्ष्मी जी और दूसरी में मां सरस्वती का वास है। साथ ही परिसर में अन्नपूर्णा और मां शारदा के भी मंदिर स्थापित हैं। इस मंदिर में दीपावली उत्सव बहुत ही खास तरीके से मनाया जाता है। ऐसे में आप इस मंदिर में भी दिवाली उत्सव का आनंद उठा सकते हैं।

यह भी पढ़ें - Golu Devta Temple: उत्तराखंड का एक ऐसा मंदिर, जहां चिट्ठी लिखने से मिल जाता है न्याय

मां लक्ष्मी का सबसे प्राचीन मंदिर

कोल्हापुर में स्थित महालक्ष्मी मंदिर में मां लक्ष्मी, अंबाबाई के रूप में विराजमान हैं। इस मंदिर का इतिहास तकरीबन 1300 साल पुराना माना जाता है। इसी के साथ यह दुनिया के सबसे प्राचीन महालक्ष्मी मंदिरों में शामिल है। मंदिर में विराजमान अंबाबाई की प्रतिमा की यह खासियत है कि यहां महालक्ष्मी की मूर्ति का मुख पश्चिम दिशा की ओर है। देवी के सामने की पश्चिमी दीवार पर एक छोटी-सी खिड़की है, जिससे होकर सूर्य की किरणें देवी लक्ष्मी का पद अभिषेक करते हुए मध्य भाग पर आती हैं और फिर उनके मुखमंडल पर पड़ती हैं।

यह भी पढ़ें - Mahalaxmi Temple in Ratlam: इस मंदिर में पैसे और जेवर चढ़ाने से धन में होती है वृद्धि, क्या हैं इसकी मान्यताएं

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।